डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’
इन्दौर(मध्यप्रदेश)
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गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……….
शुभ गणतंत्र दिवस
आया रे,
आज भारतवर्ष में लगता कोई मेला है
यह देश है भगत सिंह,सुखदेव,
राजगुरू जैसे रणबांकुरों काl
एक कहानी है उनके बलिदानों की,
देश की अस्मिता पर,मर मिटने वालों
ने हँसते हुए,फाँसी को गले लगाया था
देश नहीं भूलेगा,उनके बलिदानों कोl
आज भी जब सजते हैं चौराहे,
सफेद,केशरिया,हरा रंग
बिखरता है चारों ओर,
हृदय अभिमान से भर जाता
भारत के वासी होने काl
आकर्षित करता सूरज भी इस दिन,
लगता है उत्सव को वो भी है तैयार
बड़ा अनोखा होता गणतंत्र,
कर्तव्यों और अधिकारों काl
अजब समागम होता है,
तिरंगा शान है हम सबकीl
ऐसा है हमारा हिंदुस्तान,
शुभ गणतंत्र आया रे…ll
परिचय-डॉ. वंदना मिश्र का वर्तमान और स्थाई निवास मध्यप्रदेश के साहित्यिक जिले इन्दौर में है। उपनाम ‘मोहिनी’ से लेखन में सक्रिय डॉ. मिश्र की जन्म तारीख ४ अक्टूबर १९७२ और जन्म स्थान-भोपाल है। हिंदी का भाषा ज्ञान रखने वाली डॉ. मिश्र ने एम.ए. (हिन्दी),एम.फिल.(हिन्दी)व एम.एड.सहित पी-एच.डी. की शिक्षा ली है। आपका कार्य क्षेत्र-शिक्षण(नौकरी)है। लेखन विधा-कविता, लघुकथा और लेख है। आपकी रचनाओं का प्रकाशन कुछ पत्रिकाओं ओर समाचार पत्र में हुआ है। इनको ‘श्रेष्ठ शिक्षक’ सम्मान मिला है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। लेखनी का उद्देश्य-समाज की वर्तमान पृष्ठभूमि पर लिखना और समझना है। अम्रता प्रीतम को पसंदीदा हिन्दी लेखक मानने वाली ‘मोहिनी’ के प्रेरणापुंज-कृष्ण हैं। आपकी विशेषज्ञता-दूसरों को मदद करना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिन्दी की पताका पूरे विश्व में लहराए।” डॉ. मिश्र का जीवन लक्ष्य-अच्छी पुस्तकें लिखना है।