शशांक मिश्र ‘भारती’
शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश)
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राष्ट्रीय मतदाता दिवस
हम सालों से आ रहे मनाते हैं,
लोभ स्वार्थ के वशी सत्ता के लिए समझ क्या पाते हैं।
मतदान के लिए जागरूकता शीर्ष को सचेत न करती-
औपचारिकताएं निभाते जाओ,बस सूत्र यही अपनाते हैं॥
कल को पराक्रम दिवस
आज मतदाता फिर कल गणतंत्र
मनाना है,
हम क्या थे क्या हो गए और क्या-क्या होने करने वाले बतलाना है।
दशकों बिताए आजादी के सत्ता में स्वार्थ की दीमक रोक न सके-
राष्ट्र बड़ा पक्ष-विपक्ष और विरोध से अब जागरूक होकर समझाना है॥
आज देश के लिए कर्तव्य विस्मृत विरोध के लिए विरोध अपनाए हैं,
अन्दर की तो बात छोड़िए,स्वार्थसिद्धि हो बाहर तक हाथ फैलाए हैं।
सत्ता मिली किसने दी और किसलिए यह सब अब पूछ न देना मित्रों-
वह तो अपने से अपनों के लिए ही तो मार्ग बदल-बदल यहां आए हैं॥
परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैL २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंL वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैL उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय टनकपुर-उत्तराखण्ड)का हैL सामाजिक गतिविधि के लिए हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन हेतु आप हर साल छात्र-छात्राओं का सम्मान करते हैं तो अनेक पुस्तकालयों को निःशुल्क पुस्तक वतर्न करने के साथ ही अनेक प्रतियोगिताएं भी कराते हैंL इनकी लेखन विधा-निबन्ध,लेख कविता, ग़ज़ल, बालगीत और क्षणिकायेंआदि है। भाषा ज्ञान-हिन्दी,संस्कृत एवं अंगेजी का रखते हैंL प्रकाशन में अनेक रचनाएं आपके खाते में हैं तो बाल साहित्यांक सहित कविता संकलन,पत्रिका आदि क सम्पादन भी किया है। जून १९९१ से अब तक अनवरत दैनिक-साप्ताहिक-मासिक पत्र-पत्रिकाओं में रचना छप रही हैं। अनुवाद व प्रकाशन में उड़िया व कन्नड़ में उड़िया में २ पुस्तक है। देश-विदेश की करीब ७५ संस्था-संगठनों से आप सम्मानित किए जा चुके हैं। आपके लेखन का उद्देश्य- समाज व देश की दशा पर चिन्तन कर उसको सही दिशा देना है। प्रेरणा पुंज- नन्हें-मुन्ने बच्चे व समाज और देश की क्षुभित प्रक्रियाएं हैं। इनकी रुचि- पर्यावरण व बालकों में सृजन प्रतिभा का विकास करने में है।