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मन जीतने में कामयाब हुई सरकार

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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अंकीय भारत (डिजिटल) के पहले अंकीय बजट में जो भी घोषणाएं हुई हैं,उसके चलते शेयर बाजार में बम-बम, सेंसेक्स-निफ्टी में पहले कभी बजट के दिन इतनी महा तेजी नहीं दिखी। आम जनता को इस बजट में पसन्द आने वाले प्रावधान ज्यादा और निराश करने वाले बहुत कम हैं।
अब चर्चा कर लेते हैं दूरगामी लक्ष्य को केन्द्रित कर जो बजट पेश किया गया है उसके उन मुख्य तथ्यों पर,जिसके चलते इतना सकारत्मक रुख देखने को मिल रहा है-
-सभी की आशा के अनुरूप कर अंकेक्षण की सीमा ५ करोड़ से बढ़ाकर १० करोड़ करने का प्रस्ताव कर सरकार ने सभी को खुश कर दिया,जिसके चलते सभी व्यापारी संगठनों ने आभार जताया है।
-बीमा क्षेत्र मेंं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ४९ से बढ़ाकर ७४ फीसदी करने से अनेक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे,यानि प्रतिस्पर्धा के चलते आम आदमी को लाभ होना ही है।
-बैंक जमा बीमा की राशि पर सरकार ने सकारात्मक रुख दिखलाते हुए १ लाख से बढाकर ५ लाख की घोषणा की हुई थी,उसे भी इस बजट के जरिए कानूनी रूप देने की घोषणा कर अपना वादा निभाया है।
-बजट के जरिए सरकार ने गाड़ियों की उम्र भी तय कर दी है,यानि निजी वाहन २० साल तक ही सड़कों पर चल पाएंगे,जबकि व्यवसायिक वाहन १५ साल तक ही। मतलब यह हुआ कि इन गाड़ियों को उस समय सीमा के बाद नष्ट कर दिया जाएगा। एचडीएफ़सी बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक २०२५ तक २.८० करोड़ वाहन सड़क पर नहीं चल पाएंगे यानि इनको नष्ट करना पड़ेगा। इसके चलते ४३००० करोड़ का नया व्यापार खड़ा हो जाएगा। मतलब नई गाड़ियों की मांग बढ़ेगी,जिसके चलते ऑटोमोबाइल क्षेत्र की दशा में तो सुधार होगा ही,बल्कि नए रोजगार भी पैदा होंगें। सरकार का यह कदम एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
-इस बार सरकार ने आम जनता को विद्युत वितरण कम्पनी चुनने का अधिकार भी देने की घोषणा की है,क्योंकि बिजली कम्पनियाँ मनमानी करती हैं जिसके कारण लोगों में नाराजगी थी। यह बदलाव (पोर्टेबिलिटी) सुविधा उसी तरह होगी,जैसी अभी मोबाईल क्षेत्र में है।
-नए उद्यम(स्टार्ट-अप) के कर में छूट को १ साल के लिए बढ़ाया गया है,क्योंकि ‘कोरोना’ के चलते इस क्षेत्र को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। सरकार को उम्मीद है कि अगर ये छोटी-छोटी कम्पनियाँ अच्छा करेंगी,तो देश को आत्मनिर्भर बनाने वाली मुहिम के साथ-साथ आर्थिक क्षेत्र को गति भी मिलेगी और रोजगार को भी बढ़ावा।
-१० लाख से कम आबादी वाले छोटे शहरों में सस्ती मेट्रो सेवा चालू करने की घोषणा को सभी ने सराहा है। सरकार चाहती है कि सभी लोक परिवहन के साधन ज्यादा इस्तेमाल करें।
-सरकार ने अब गैर सरकारी संगठन के सहयोग से १०० नए सैनिक विद्यालय खोलने की घोषणा की है,ताकि उच्च स्तरीय शिक्षा आम आदमी तक पहुँचे।
-राष्ट्रीय रेल योजना में १ लाख करोड़ का निवेश व बड़ी लाइनोंं को सौ फीसदी विद्युतीकृत वगैरह जो भी घोषणाएं की गई हैं,उसको विकासपरक कदम के रूप में माना जाएगा।
-७५ साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को (जिनकी आय केवल पेंशन और ब्याज से है) आयकर विवरणी भरने की जरूरत हटा कर जो राहत दी है,उसे प्रशंसनीय कदम माना है। यह जान लेना आवश्यक है कि,आयकर से मुक्ति नहीं मिली है बल्कि कर बैंकों द्वारा ही काट लिया जाएगा।
अब निराश करने वाली उन घोषणाओं पर भी नजर,जिससे कुछ वस्तुओंं के दाम बढ़ सकते हैं-
-बजट में सरकार ने कई वस्तुओं पर एग्री इंफ्रा डेवलपमेंट ‘सेस’ लगाने की बात कही है। ये एक नए तरह का सेस है,जैसे-सोना और चाँदी पर २.५ प्रतिशत,शराब पर १०० प्रतिशत,काबुली चना पर ३० और मसूर की दाल पर २० प्रतिशत सेस लगाया जाएगा। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा, और ये सारी चीजें महंगी हो जाएंगी। हालांकि,समझने वाली बात ये है कि इससे जो भी राशि सरकार को मिलेगी,वो देश के किसानों पर खर्च की जाएगी।
निष्कर्ष यही है कि बजट में उद्योग, व्यापारी वर्ग के अलावा नौकरीपेशा वर्ग को एफोर्डेबल हाउसिंग के ऋण पर मिलने वाले ब्याज की छूट बढ़ाना,उज्जवल योजना के तहत गैस का कनेक्शन मुफ्त,कस्टम डयूटी में कमी करने से कृषि उपकरण सस्ते वगैरह वगैरह घोषणाएं कर सरकार सभी वर्गों का मन जीतने में कामयाब हुई है।

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