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रोचकता से भरा है गणतंत्र दिवस का सफर

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……….

गणतंत्र दिवस हर साल हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाने वाले तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस बार भी ७२ वां गणतंत्र दिवस २६ जनवरी को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
अब पहले हम गणतंत्र’ के अर्थ को समझ लेते हैं-जनता के लिए जनता द्वारा शासनयानि देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में देश के नेतृत्व के लिए राजनीतिक नेता के रूप में अपने प्रतिनिधि को चुनने के लिए केवल जनता के पास अधिकार है। इसलिए भारत एक गणतंत्र देश है,जहां आम जनता अपना नेता,प्रधानमंत्री के रूप में चुनती है। अब जान लें कि स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत को अंग्रेजी की लंबी गुलामी से आजादी मिली थी,जबकि गणतंत्र दिवस के दिन भारत गणतंत्र देश बना और उसी दिन सेभारत सरकार अधिनियम १९३५की जगह भारत का लिखा हुआ संविधान लागू हुआ। सभी जानते हैं भारतीय संविधान दुनिया में सबसे लंबा लिखा हुआ संविधान हैl इसमें २२ लेख और १२ अनुसूचियों में विभाजित ४४४ लेख हैं और इसकी २ मूल हस्तलिखित प्रतियाँ-हिन्दी में व अंग्रेजी में हैl विशेष बात कि,अपने भारतीय गणतन्त्र में कोई भी आम आदमी,बिना किसी विशेष वर्ग,धर्म के सत्ता के सबसे ऊंचे पद पर आसीन हो सकता है,और हमारा इतिहास इसका जीवन्त उदाहरण है। गणतन्त्र दिवस के बारे में सभी बहुत कुछ जानते ही हैं,फिर भी कुछ मुख्य रोचक जानकारी- -चूँकि २६ जनवरी १९२९ को अंग्रेजों की गुलामी के विरुद्ध कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित कर पूर्ण स्वराज्य की मांग की थी,लेकिन जब उस पर निर्णय नहीं हुआ,तब २६ जनवरी १९३० को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दियाl उस दिन से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक २६ जनवरी कोगणतंत्र दिवस` के रूप में मनाया जाता रहा।
-स्वतंत्रता प्राप्ति पश्चात् भारत ने अपना पहला गणतन्त्र दिवस २६ जनवरी १९५० को मनाया था।
-स्वतन्त्रता,समानता और बंधुत्व’,भारतीय संविधान में उजागर ३ अवधारणाएं फ्रांसीसी संविधान से प्रेरित हैं।
-१९५३ वाले साल से गणतंत्र दिवस परेड में लोक नृत्य और आतिशबाजी प्रदर्शित हो रही है।
-परेड में शामिल सभी झांकियां एक उचित दूरी बनाकर ५ किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ही चलती हैं,ताकि सभी दर्शक लुत्फ़ उठा सकें ।
-भारतीय राष्ट्र ध्वज गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा फहराया जाता हैं,जबकि स्वतन्त्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा।
-गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति देश को सम्बोधित करते हैं,जबकि स्वतन्त्रता दिवस पर प्रधानमंत्री।
-देश के सभी सर्वोच्च नागरिक सम्मान एवं पुरस्कारों की घोषणा (भारत रत्न, पद्म पुरस्कार,अशोक चक्र,कीर्ति चक्र इत्यादि)गणतंत्र दिवस पर ही होती है।
-गणतंत्र दिवस समारोह समय की पाबन्दी के साथ मनाया जाता है,यानि शुरू होने में १ मिनट की भी देरी हुई है तो समापन भी एक मिनट की देरी से होगा।
-गणतन्त्र दिवस की परेड के मुख्य अतिथि के लिए किसी विदेशी राष्‍ट्राध्‍यक्ष या शासनाध्यक्ष को आमन्त्रित किया जाता हैl
स्पष्ट है कि हमारे गणतंत्र का इतिहास जितना पुराना और रोचक है,उतना ही रोचक सफर है इसकी परेड के आयोजन वगैरह का।

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