कुल पृष्ठ दर्शन : 416

You are currently viewing मेहनत

मेहनत

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

*********************************************************************


व्यर्थ न बैठो काम करो तुम
मेहनत से न भागो।
आलस छोड़ो करो परिश्रम
सभी नींद से जागो॥

कर्म करो परिणाम न देखो
अपना भाग्य बनाओ।
मेहनत से आगे बढ़ो तुम
जीवन सफल बनाओ॥

आए हम सब इस दुनिया में
कर्म सभी करने को।
मेहनत करें सब मिलकर हम
जग नहीं विचरने को॥

खुश होते भगवान सदा ही
हिम्मत सदा दिखाओ।
करो परिश्रम जीवन में तुम
आगे बढ़ते जाओ॥

मिलता मेहनत से सभी को
जीवन उन्नति पाए।
बढ़ें सदा हिम्मत से आगे
भाग्य बदलता जाए॥

हर एक संकट मेहनत से
हल हो ही जाता है।
जीवन में पुरुषार्थ सदा ही
मान यहाँ पाता है॥

जीवन का पर्याय मेहनत
इससे सब-कुछ होता।
करता जो आलस्य यहाँ पर
वह सब कुछ है खोता॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा)डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बांदीकुई (राजस्थान) में जन्मे डॉ.सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी., साहित्याचार्य,शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ व्याख्यात्मक पुस्तक प्रकाशित हैं। कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। आपका साहित्यिक उपनाम ‘नवनीत’ है। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो 
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’

Leave a Reply