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ऊँचा रहे तिरंगा अपना

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………


पुरा कहानी,याद सभी को,
मेरे देश जहाँन की।
कहें सुने गणतंत्र सु गाथा,
अपने देश महान की।

सन सत्तावन की गाथाएँ,
आजादी हित वीर नमन।
रानी झाँसी नाना साहब,
तात्या से रणधीर नमन।

तब से आजादी मिलने तक,
युद्व रहा बस जारी था।
वीर हमारे नित मरते थे,
दर्द गुलामी भारी था।

जलियाँवाला बाग बताता,
नर संहार कहानी को।
भगतसिंह की फाँसी कहती,
इंकलाब की वानी को।

शेखर-बिस्मिल-ऊधम जैसे,
थे कितने ही बलिदानी।
कितने जेलों में दम तोड़े,
कितनों ने काले पानी।

बोस सुभाष व तिलक,गोखले,
कितने नाम गिनाऊँ मैं।
अंग्रेजों के अनाचार के,
कैसे किस्से गाऊँ मैं।

गाँधी की आँधी,गोरों के,
आँख किरकिरी आई थी।
विश्वयुद्ध से सबक मिला था,
कुछ नरमी तब आई थी।

आजादी हित डटे रहे वे,
देशभक्त सेनानी थे।
क्रांति बीज से फसल उगाते,
मातृभूमि अरमानी थे।

आखिर मे दो टुकड़े होकर,
मिली वतन को आजादी।
हिन्दू-मुस्लिम दंगे होकर,
खूब हुई थी बरबादी।

संविधान परिषद ने मिलकर,
नया विधान बनाया था।
छब्बीस जनवरी सन पचास,
यह लागू करवाया था।

बना वतन गणतंत्र हमारा,
खुशियाँ मय त्यौहार मने।
राष्ट्रपति व संसद भारत के,
मतदाता हर बार चुने।

आज विश्व में चमके भारत,
ध्रुवतारे-सा बन स्वतंत्र।
करूँ वंदना जन गण मन की,
अमर सदा रहे गणतंत्र।

लोकतंत्र सिरताज विश्व का,
लिखित वृहद संविधान है।
लाल किले लहराए तिरंगा,
जन-गण मन अरमान है।

उत्तर पहरेदार हमारा,
पर्वत राज हिमालय है।
संसद ही सर्वोच्च हमारी,
संवादी देवालय है।

आज विश्व में भारत माँ के,
घर-घर में खुशहाली है।
गणतंत्र पर्व के स्वागत को,
सजे आरती थाली है।

सेना है मजबूत हमारी,
बलिदानी है परिपाटी।
नमन करें हम भारत भू को,
और चूम लें यह माटी।

गणतंत्र सदा सम्मानित हो,
निज तन प्राण रहे न रहे।
ऊँचा रहे तिरंगा अपना,
मन में यह अरमान रहे॥

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैl राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैl सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंl शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैl आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैl

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