कुल पृष्ठ दर्शन : 241

You are currently viewing हिंदी मेरी जान

हिंदी मेरी जान

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
************************************************

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष….

मात्रा शिल्प: भार १६-१३
हिन्द देश के हैं हम वासी,
हिंदी मेरी जान है।
तन-मन सब-कुछ वार दिया है,
इस पर जां कुर्बान है॥

नमः मातरम् नमः मातरम्,
धरती का यह राग है।
भारत वासी बेटे हैं हम,
सबकी यही जुबान है।
हिन्द देश के हैं हम…

अंग्रेजी पढ़ लेना तुम सब,
बनना मत अंग्रेज रे।
देशद्रोह मत करना साथी,
हिन्द हमारी शान है।
हिन्द देश के हैं हम…

राष्ट्रप्रेम हित और जहां की,
अच्छी बनो मिसाल सब।
आज दिखा दो जग को साथी,
हिंदी हिंदुस्तान है।
हिन्द देश के हैं हम…

भारत बहु भाषा-भाषी हैं,
फिर भी हम सब एक हैं,
जाति-पाँति भी भिन्न-भिन्न हैं,
भाषा हिंद महान है।
हिन्द देश के हैं हम…॥

Leave a Reply