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कैसे बिसरूँ तेरा नाम

ऋचा सिन्हा
नवी मुंबई(महाराष्ट्र)
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बहुत कठिन है जीवन जीना पिया तेरे बिना,
बहुत कठिन है साँसें लेना पिया तेरे बिना।

पल-पल तेरी याद सताए अँखियाँ छल-छल आएँ,
नाम तेरा हर वक्त निहारूँ…
दिल को चैन ना आए,
दर्द भरी है मेरी मुहब्ब्बत मन ये माने ना।

ये तो राह बहुत कठिन है हर पल मैं अकुलाऊँ,
व्याकुल जियरा कहा ना माने…
कैसे इसे समझाऊँ,
दर्द मेरा है बहुत ही गहरा मन ये जाने ना।

सुन लो मेरी व्यथा पियारे कैसे तुम्हें बतलाऊँ,
कैसे बिसरूँ नाम तुम्हारा…।
ये मैं समझ ना पाऊँ,
बिलख-बिलख जाए व्याकुल जियरा तुम ये जानो ना॥

परिचय – ऋचा सिन्हा का जन्म १३ अगस्त को उत्तर प्रदेश के कैसर गंज (जिला बहराइच) में हुआ है। आपका बसेरा वर्तमान में नवी मुम्बई के सानपाड़ा में है। बचपन से ही हिंदी और अंग्रेजी साहित्य में रुचि रखने वाली ऋचा सिन्हा ने स्नातकोत्तर और बी.एड. किया है। घर में बचपन से ही साहित्यिक वातावरण पाने वाली ऋचा सिन्हा को लिखने,पढ़ने सहित गाने,नाचने का भी शौक है। आप सामाजिक जनसंचार माध्यमों पर भी सक्रिय हैं। मुम्बई (महाराष्ट्र)स्थित विद्यालय में अंग्रेज़ी की अध्यापिका होकर भी हिंदी इनके दिल में बसती है,उसी में लिखती हैं। इनकी रचनाएँ विभिन्न पत्रिकाओं में छप चुकीं हैं,तो साझा संग्रह में भी अवसर मिला है।

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