मंशिका चचरा,
कटक(ओडिशा)
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शिक्षकों को समर्पित….
कच्ची बुद्धि को तराश कर,
नन्हें हाथों को थाम कर
पहचान बनाने वाले लक्ष्य पर,
पहुँचाने वाले शिक्षकों को
मेरा शत-शत नमन है।
अच्छे-बुरे की पहचान करवाते हैं,
प्यार से,कभी नकली फटकार से
जीवन तराश देते हैं।
कक्षा में आते ही अपने शिष्यों की,
आँखों से उनकी मन की छवि भाँप लेते हैं
सभी बच्चों को करते माँ-बाप जैसा प्यार,
हमारे शिक्षकों का परिश्रम हमें
लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए होता है।
हर तरह की कोशिशों से वो,
हमें सफलता के शिखर पर बैठाते हैं
जब सफल हम होते हैं,
शिक्षक दुआओं,
और बेजोड़ तरीकों से हमें सँभालते हैं।
मुश्किलों में साथ हमारे,
हर परिस्थिति में हमको सँभाले
मौलिकता का ज्ञान कराते,
बुरे-भले की पहचान कराते
शिक्षक हमारे लिए अंतर्मन में ईश्वर का स्थान पाते।
नि:स्वार्थ हमारी नादानियों को क्षमा करके,
उत्तम शिक्षा ज्ञान अवतरित करते
मैं आज संकल्प लेती हूँ-
ईश्वर रूपी मेरे शिक्षकगणों के सम्मान में,
न कभी कमी आने दूँगी।
महत्वाकांक्षाओं की सफलताओं के,
शिखर पर पहुँच कर
आप सबका नाम अवश्य रोशन करूँगी॥