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फिल्म उद्योग में नशीले पदार्थों की भूमिका की जांच जरुरी

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’
ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर)

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फिल्म जगत में ही नहीं,बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थों की भूमिका की जांच होनी चाहिए,ताकि मालूम हो सके कि भारत में ये कहां से और कैसे आती है ? वहां से आगे किस प्रकार फिल्म उद्योग में प्रवेश कर फिल्मी सितारों तक पहुंचती है ? इन समस्त बिंदुओं की बिंदास जांच होनी चाहिए।
प्रश्न जांच का ही नहीं,बल्कि इनकी रोकथाम हेतु भी गंभीर कदम उठाते हुए कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई पर भी बल देने की आवश्यकता है,ताकि अपराधियों को दण्ड मिले और भविष्य में नशे की भेंट चढ़ने वाले युवक मृत्यु से बच सकें।
यदि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले में इतना हो-हल्ला होने और एनसीबी एवं सीबीआई के बावजूद भी फिल्म उद्योग में मादक पदार्थों की भूमिका की गंभीर जांच नहीं हुई,तो फिल्म उद्योग एवं युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। अतः फिल्म उद्योग एवं उसके उभरते युवा कलाकारों के उज्ज्वल भविष्य के लिए नशा माफिया की भूमिका की गंभीर से गंभीर जांच होनी चाहिएl

परिचय–इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैL इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैL वर्तमान और स्थाई निवास तहसील ज्यौड़ियां,जिला-जम्मू(जम्मू कश्मीर)हैL राज्य जम्मू-कश्मीर के श्री बाली की शिक्षा-पी.यू.सी. और शिरोमणि हैL कार्यक्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों से लड़ना व आलोचना है,हालाँकि एसएसबी विभाग से सेवानिवृत्त हैंL सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप पत्रकार,समाजसेवक, लेखक एवं भारत के राष्ट्रपति पद के पूर्व प्रत्याशी रहे हैंL आपकी लेखन विधा-लघुकथा,ग़ज़ल,लेख,व्यंग्य और आलोचना इत्यादि हैL प्रकाशन में आपके खाते में ७ पुस्तकें(व्हेयर इज कांस्टिट्यूशन ? लॉ एन्ड जस्टिस ?(अंग्रेजी),कड़वे सच,मुझे न्याय दो(हिंदी) तथा डोगरी में फिट्’टे मुँह तुंदा आदि)हैंL कई अख़बारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंL लेखन के लिए कुछ सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैंL अपने जीवन में विशेष उपलब्धि-अनंत मानने वाले परवाज़ मनावरी की लेखनी का उद्देश्य-भ्रष्टाचार से मुक्ति हैL प्रेरणा पुंज-राष्ट्रभक्ति है तो विशेषज्ञता-संविधानिक संघर्ष एवं राष्ट्रप्रेम में जीवन समर्पित है।

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