कुल पृष्ठ दर्शन : 358

जय श्रीराम

राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
टीकमगढ़(मध्यप्रदेश) 
*********************************************************************
बिगड़े काम,
सब बन जाते हैं-
जय श्री राम।

सुबह-शाम,
शत्-शत् प्रणाम-
जय श्री राम।

करिए ध्यान,
जीवन हो आसान-
जय श्री राम।

पूजे जो राम,
बुढ़ापे में आराम-
जय श्री राम।

रोम-रोम में,
बसने वाले राम-
जय श्री राम।

जय श्री देवा,
बन राम सेवक-
मिलेगा मेवा।

सुमरे राम,
उसे मिल जाता है-
बैकुण्ड धाम।

जीवन पथ,
तुम्हारे कष्ट हरे-
राम सहारे।

राम जानकी,
सुमिरन करते-
मिले मालकी।

राम जानकी,
जीवन पथ के हैं-
बने सारथी।

परिचय-राजीव नामदेव का उपनाम ‘राना लिधौरी’ हैl जन्म तारीख १५ जून १९७२ और स्थान लिधौरा हैl मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में आपका निवास हैl इनकी शिक्षा-बी.एस-सी.(कृषि),एम.ए.(हिंदी),पी.जी.डी.सी.ए.(कम्प्यूटर)हैl लेखन विधा-कविता,ग़ज़ल,हायकू,व्यंग्य,क्षणिका, लघुकथा,कहानी एंवं आलेख आदि है। प्रकाशन में आपके खाते में-अर्चना (कविता संग्रह,१९९७),रजनीगंधा (हायकू संग्रह २००८) सहित `नौनी लगे बुदेली’ (विश्व में बुंदेली का पहला हाइकु संग्रह,२०१०) और ‘नागफनी का शहर (व्यंग्य संकलन) आदि १० हैंl आपने ‘दीपमाला` और `जज़्बात` का उप-संपादन किया हैl कई राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में लगभग डेढ़ हज़ार रचनाओं का प्रकाशन हुआ हैl कवि-सम्मेलनों एवं मुशायरों में शामिल होने वाले श्री नामदेव के ११ अप्रकाशित संग्रह भी हैं। आप इक पत्रिका के सम्पादक(२००६ से आज तक)भी हैंl चैनल एवं दूरदर्शन सहित आकाशवाणी छतरपुर केन्द्र से भी इनकी रचनाओं का प्रसारण हुआ हैl १८ प्रदेशों से ८१ साहित्यिक सम्मान आपको प्राप्त हैं जिसमें २ राज्यपालों द्वारा प्रदत्त हैं। विशेष में अब तक २४१ साहित्यिक गोष्ठियों-कवि सम्मेलनों का संयोजन-आयोजन कर चुके हैंl ब्लॉग पर भी लिखने वाले श्री नामदेव संप्रति से सम्पादक(पत्रिका)और लेखक संघ के २००२ से आज तक अध्यक्ष होने के साथ ही अन्य साहित्यिक संस्थाओं में पदाधिकारी भी हैंl

Leave a Reply