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जीवन अमृत ‘ज’ जल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’
जमशेदपुर (झारखण्ड)
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ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष…

सदियों से बहती धारा है जल,
प्रकृति का अनुपम दान जल
मुग्ध होते हो मानव लख दृश्य,
ना छेडो़ गरिमा पावन है जल।

धरा चहुँ ओर है सागर जल,
विचरण करे जीव प्राण जल
मछली का स्वाँस जल जीवन,
मोती नाना सम्पत्ति भीतर जल।

मानव शरीर भीतर रहता जल,
अस्वस्थ आवश्यकता जल
धमकियों में जो बहे सुधा-सा,
प्राण रक्षक देव आशीष जल।

बहती गंगा नदिया कल कल,
धरती पर है जिनसे हलचल
जल है जीवन हर प्राणी का,
क्यों दूषित करे मानव तू जल।

नदी झील नौका बिहार में जल,
स्नान दान अक्षत संग है जल
नहीं अछूता मानव जीवन कभी,
पूजन या तर्पण अंजुरी में जल।

जीये ना पेड़-पौधे जीव बिन जल,
तट बिगडे़ स्थिति पीड़ित जल
सूखा होगा गाँव खेत औ शहर,
करो रक्षा उद्देश्य बनाओ सफल।

खेती बाड़ी ना होने बिना जल,
भू तल कम हुआ मीठा जल
बिन जल त्राहि त्राहि तड़पन,
समझें संसाधन संरक्षण जल।

कूडा़-कचड़ा जो जाए हर पल,
विसर्जन नियम हटे करो सफल
मिटाओ मिथ्याजन में भ्रांति,
जागरूक करें रक्षा करना जल।

सबको है रोकना बर्बादी जल,
जरूरी है संरक्षण करना जल।
सबकी प्यास बुझाए दे जीवन,
कर्त्तव्य नदी झील स्वच्छ जल॥

परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का लेखन में उपनाम-श्रेया है। आपकी जन्म तिथि २४ जून तथा जन्म स्थान-अहमदनगर (महाराष्ट्र)है। पितृ स्थान वाशिंदा-वाराणसी(उत्तर प्रदेश) है। वर्तमान में आप जमशेदपुर (झारखण्ड) में निवासरत हैं। डॉ.आशा की शिक्षा-एमबीबीएस,डीजीओ सहित डी फैमिली मेडिसिन एवं एफआईपीएस है। सम्प्रति से आप स्त्री रोग विशेषज्ञ होकर जमशेदपुर के अस्पताल में कार्यरत हैं। चिकित्सकीय पेशे के जरिए सामाजिक सेवा तो लेखनी द्वारा साहित्यिक सेवा में सक्रिय हैं। आप हिंदी,अंग्रेजी व भोजपुरी में भी काव्य,लघुकथा,स्वास्थ्य संबंधी लेख,संस्मरण लिखती हैं तो कथक नृत्य के अलावा संगीत में भी रुचि है। हिंदी,भोजपुरी और अंग्रेजी भाषा की अनुभवी डॉ.गुप्ता का काव्य संकलन-‘आशा की किरण’ और ‘आशा का आकाश’ प्रकाशित हो चुका है। ऐसे ही विभिन्न काव्य संकलनों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी लेख-कविताओं का लगातार प्रकाशन हुआ है। आप भारत-अमेरिका में कई साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध होकर पदाधिकारी तथा कई चिकित्सा संस्थानों की व्यावसायिक सदस्य भी हैं। ब्लॉग पर भी अपने भाव व्यक्त करने वाली श्रेया को प्रथम अप्रवासी सम्मलेन(मॉरीशस)में मॉरीशस के प्रधानमंत्री द्वारा सम्मान,भाषाई सौहार्द सम्मान (बर्मिंघम),साहित्य गौरव व हिंदी गौरव सम्मान(न्यूयार्क) सहित विद्योत्मा सम्मान(अ.भा. कवियित्री सम्मेलन)तथा ‘कविरत्न’ उपाधि (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ) प्रमुख रुप से प्राप्त हैं। मॉरीशस ब्रॉड कॉरपोरेशन द्वारा आपकी रचना का प्रसारण किया गया है। विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ में भी आप सक्रिय हैं। लेखन के उद्देश्य पर आपका मानना है कि-मातृभाषा हिंदी हृदय में वास करती है,इसलिए लोगों से जुड़ने-समझने के लिए हिंदी उत्तम माध्यम है। बालपन से ही प्रसिद्ध कवि-कवियित्रियों- साहित्यकारों को देखने-सुनने का सौभाग्य मिला तो समझा कि शब्दों में बहुत ही शक्ति होती है। अपनी भावनाओं व सोच को शब्दों में पिरोकर आत्मिक सुख तो पाना है ही,पर हमारी मातृभाषा व संस्कृति से विदेशी भी आकर्षित होते हैं,इसलिए मातृभाषा की गरिमा देश-विदेश में सुगंध फैलाए,यह कामना भी है

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