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समय शपथ लेने का

गोपाल चन्द्र मुखर्जी
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष…

जगत तो घिरा हुआ है जल से,
वह है खारा नमकीन
जीवों की प्यास बुझती नहीं है उससे-
तलाश है मीठे पानी की।
प्राणियों का जीवन चक्र चलता है,
एक-एक बूँद जल से।
जल की बर्बादी मत करो हे ज्ञानी महान-
सत्य को जानकर हो जाओगे हैरान।
प्रदूषण और अपरिमित जल आहरण से,
पिघल रहा है बर्फ हिमालय का।
जिस कारण बढ़ रहा समुद्र में पानी का,
निगल जाएंगे वह एक दिन
यह सुंदर हरित विश्व की मुस्कान!
प्रकृति के अमृत पानी की हो रही है बर्बादी,
प्यास नहीं बुझा सकता है समुद्र भर का पानी!
प्राण छोड़ जाते हैं जल की कमी से-
तब,मूल्य नापा जाता है जल का उस क्षण में।
जल ही है अनमोल रतन प्रकृति का,
एक दिन वह आएगा-होगी जल लड़ाई।
बचानेवाला नहीं रहेगा कोई,
आज भी है समय शपथ लेने का।
भूगर्भ जल को संरक्षण करने का,
लें हम कठोर संकल्प,बचाएंगे।
जल ही जीवन,जीवन ही जल,
जल में निहित है तन मन धन॥

परिचय-गोपाल चन्द्र मुखर्जी का बसेरा जिला -बिलासपुर (छत्तीसगढ़)में है। आपका जन्म २ जून १९५४ को कोलकाता में हुआ है। स्थाई रुप से छत्तीसगढ़ में ही निवासरत श्री मुखर्जी को बंगला,हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। पूर्णतः शिक्षित गोपाल जी का कार्यक्षेत्र-नागरिकों के हित में विभिन्न मुद्दों पर समाजसेवा है,जबकि सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत सामाजिक उन्नयन में सक्रियता हैं। लेखन विधा आलेख व कविता है। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में साहित्य के क्षेत्र में ‘साहित्य श्री’ सम्मान,सेरा (श्रेष्ठ) साहित्यिक सम्मान,जातीय कवि परिषद(ढाका) से २ बार सेरा सम्मान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा देश-विदेश की विभिन्न संस्थाओं से प्रशस्ति-पत्र एवं सम्मान और छग शासन से २०१६ में गणतंत्र दिवस पर उत्कृष्ट समाज सेवा मूलक कार्यों के लिए प्रशस्ति-पत्र एवं सम्मान मिला है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-समाज और भविष्य की पीढ़ी को देश की उन विभूतियों से अवगत कराना है,जिन्होंने देश या समाज के लिए कीर्ति प्राप्त की है। मुंशी प्रेमचंद को पसंदीदा हिन्दी लेखक और उत्साह को ही प्रेरणापुंज मानने वाले श्री मुखर्जी के देश व हिंदी भाषा के प्रति विचार-“हिंदी भाषा एक बेहद सहजबोध,सरल एवं सर्वजन प्रिय भाषा है। अंग्रेज शासन के पूर्व से ही बंगाल में भी हिंदी भाषा का आदर है। सम्पूर्ण देश में अधिक बोलने एवं समझने वाली भाषा हिंदी है, जिसे सम्मान और अधिक प्रचारित करना सबकी जिम्मेवारी है।” आपका जीवन लक्ष्य-सामाजिक उन्नयन है।

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