कुल पृष्ठ दर्शन : 269

You are currently viewing दृष्टि पतंग की…

दृष्टि पतंग की…

दृष्टि भानुशाली
नवी मुंबई(महाराष्ट्र) 
**********************************

मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष….

कोई कहे पोंगल और कोई उत्तरायण,
झलकती है बस खुशियां और उमंग हर घर में
नील गगन को रंग-बिरंगा बनाना है मेरा काम,
हूँ मैं लहराती-बलखाती,हवा की साथी,सबकी प्यारी पतंग।

दृष्टि से मेरी दिखाऊं आपको रौनक सक्रांति की,
महक रही है हर कोने में हल्की-हल्की खुशबू गुड़ की
परिवार और मित्रों संग सभी होड़ लगाते,
एक उड़ाता,एक पकड़ता मांजे की डोर मेरी।

लहराते देख मुझे,बोल उठा फ़लक,
मेरा जिस्म तुमसे भरा रहे ऐसी हो इनायत ना छाए काले बादल ना हो कभी अंधेरा, यह नया साल बस खुशियां लाए यही है मेरी हसरत।

झूमते-फिरते पहुंच गई मैं दर्शन करने हरिद्वार,
डुबकी लगाते देखा सबको धो रहे थे अपने पाप
मेरे त्योहार की सबसे बड़ी है यही एक खास बात,
मनाते हैं सभी इसे पूरे जोश और श्रद्धा के साथ।

कहाँ गाँव की वो हसीन वादियों में घूमना,
और कहाँ ईटों के शहर में घुट के फना होनाl
बेहतर है इससे मैं किसी डाली में अटक जाऊं,
आकर ले जाएगा कोई इसी उम्मीद में साँसें लूंll

परिचय-दृष्टि जगदीश भानुशाली मेधावी छात्रा,अच्छी खिलाड़ी और लेखन की शौकीन भी है। इनकी जन्म तारीख ११ अप्रैल २००४ तथा जन्म स्थान-मुंबई है। वर्तमान पता कोपरखैरने(नवी मुंबई) है। फिलहाल नवी मुम्बई स्थित निजी विद्यालय में अध्ययनरत है। आपकी विशेष उपलब्धियों में शिक्षा में ७ पुरस्कार मिलना है,तो औरंगाबाद में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए फुटबाल खेल में प्रथम स्थान पाया है। लेखन,कहानी और कविता बोलने की स्पर्धाओं में लगातार द्वितीय स्थान की उपलब्धि भी है,जबकि हिंदी भाषण स्पर्धा में प्रथम रही है।

Leave a Reply