क्रिश बिस्वाल
नवी मुंबई(महाराष्ट्र)
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विष का प्याला पिए तभी तो शंकर हैं,
आदि देव ये कालजयी अभ्यंकर हैं।
दुष्टों के संहारक महाभयंकर हैं,
खुले रोष में नेत्र यही प्रलयंकर हैं।
हर हर महादेव! हर हर महादेव,
ज्ञान शक्ति के अपरम्पार समुन्दर हैं।
धर्म न्याय के रक्षक श्रेष्ठ क्षेमंकर हैं,
सत्यम शिवम सुंदरम यही शुभंकर हैं।
हृदय झांक के देख मनुज ये अंदर हैं,
हर हर महादेव! हर हर महादेव!
हे अनंत आदि देव,हर हर महादेव,
हे जटाजूट धारि देव,हर हर महादेव।
हे शिव कामारि देव,हर हर महादेव,
जय जय त्रिपुरारी देव,हर हर महादेव।
सेवक मैं सुता-सुत नर,परीवारि देव,
हलाहल विषधारी देव,हर हर महादेव।
तन मन धन वारि देव,हर हर महादेव,
जाऊं बलिहारी देव,हर हर महादेव।
बिल्व पत्र भांग धतूरा,हे गंगधारी देव,
काशी कैलाश प्रिय,पार्वती प्यारी देव।
चिताभस्म धारी देव,हर हर महादेव,
शंभो उपकारी देव, हर हर महादेव।
कार्तिकेय गंणाधीश,सुत हैं उद्धारि देव,
श्रृंगी-भृंगी नंदी सर्पन, फुफकारी देव।
दास अनिल मांगत वर,हिरदय सुधारी देव,
चरनन को दास शिव,जय जय अघहारी देव॥
परिचय-क्रिष बिस्वाल का साहित्यिक नाम `ओस` है। निवास महाराष्ट्र राज्य के जिला थाने स्थित शहर नवी मुंबई में है। जन्म १८ अगस्त २००६ में मुंबई में हुआ है। मुंबई स्थित अशासकीय विद्यालय में अध्ययनरत क्रिष की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति की भावना को विकसित करना है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैं। काव्य लेखन इनका शौक है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।’