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‘कोरोना’ से जीत का दस्ता

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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‘कोरोना’ का दौर है जारी,
सर्वत्र संकट है बड़ा भारी
इस संकट के गहरे सागर में,
दिखती नहीं नाव हमारी,
कोरोना का कहर है भारी।

देखता हूँ बस एकटक,
और देखते ही जाता हूँ
डूबते हुए पथिक को,
कभी साधारण रथी को
तो कभी लड़ते महारथी को।

इस विकट परिस्थिति में,
कोरोना से मची दुर्गति में
मिटा दिया मेरा अभिमान,
पैसे से न बच रहा जीवन
जीवन तो माँगे ऑक्सीजन।

देख इस अदृश्य विपत्ति को,
मन हो गया है मेरा भारी
हौंसला पस्त होता हमारा,
संकट में मिल रहा न कोई टेक,
मित्र,बंधु दूर हो गया प्रत्येक।

कोरोना के संकट काल में,
साहस बंधाने को न कोई जन
बस अब बोल उठा मेरा मन,
उठो जागो और लगाओ ध्यान,
याद करो अपने गुरु का ज्ञान।

गुरुजी कह रहे थे मन में,
शत्रु से पार पाने के वास्ते
स्थिति के भी हैं दो रास्ते,
एक पर चलने वाले गए हैं हार,
दूजे पर सफलता का सिंगार।

देखा मैंने हारने वाले हैं थोड़े,
हराने वाले हैं यहाँ भरमार
अब मैं जोर से बोल उठा,
हारने वाले को देख नहीं हारुँगा,
जीतनेवाले के पथ को चुन,
मैं भी अवश्य जीत जाऊँगा।

घर में ही आज हमें रहना है,
बेकार बाहर नहीं घूमना है
बाहर तो घूमता कोरोना है,
दूर रहकर उससे है लड़ना
जरुरी है उसका चेन तोड़ना।

देखने लगा मैं जीत का रास्ता,
मॉस्क और दो गज की दूरी।
साथ स्वच्छता है बहुत जरूरी,
यही कोरोना से जीत का दस्ता
यही कोरोना से जीत का दस्ता…॥

परिचय–साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैL जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैL भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैL साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैL आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैL सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंL लेखन विधा-कविता एवं लेख हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैL पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंL विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।

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