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बलात्कारियों को फाँसी दे दो

सोनू कुमार मिश्रा
दरभंगा (बिहार)
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हैदराबाद घटना-विशेष रचना………….
हे राजमहल के राजवंशी,अब वंशी तान देना बंद करो,
खादी के वेष में बैठे रहनुमा,सुरक्षित बेटियों का प्रबन्ध करो।
बदल दो पन्ने संविधान के या बदल दो देश का विधान तुम,
बदल दो नक्षत्र की दिशाएं या बदल दो संसद का परिधान तुम॥

आँखें उठती जो बेटी की ओर,उसे तुम लहूलुहान करो,
बेटी के दामन पर लगे दाग जहाँ,उस जगह को पाक-साफ करो।
हवस दिखे तुम्हे जिस सीने में,उस सीने को तुम तोड़ दो,
अंगुली उठे जो बेटी को ओर,उस अंगुली को तुम मरोड़ दो॥

है बदन में लहू तुम्हारा या,बन चुका आज पानी है,
सच-सच बोले हे खादीधारी,चुप्प क्यों आज राजधानी है ?
सत्य के साक्षात्कार भी,दम्भ कैसा वे आज झेल रहे,
अक्सर खूब चीखते-चिल्लाते,बेटियो की सुरक्षा पर क्यों मौन रहे ?

हो रहा दमन यहां दामिनी का,मर्यादा-मर्दित हो रहा कामिनी का,
दोष सिर शासन के भी मढ़ा जाएगा,क्या उसका भी इंसाफ हो पाएगा ?
जब भी लिखा जाएगा इतिहास के पन्ने में,काला दिन यह कहलाएगा,
दंश झेलता रहेगा देश ऐसे ही या दोषी को फाँसी चढ़ाया जाएगा॥

रोती होगी आत्मा भी आज किसी लक्ष्मीबाई की,
कलम क्रंदन करती होगी जोरो से चंदवरदाई की।
जब दरिंदों ने बेटियों का गला जोरों से दबाया होगा,
भारत की हर हिस्सा भी चीखा-चिल्लाया होगा॥

राम का बस नाम न लो,राम की तरह काम करो,
दोषी दरिंदों के विरुद्ध खुलकर तुम संग्राम करो।
याद करो,हरण हुई थी सीता,रावण के हाथों से,
मारा गया था वह अपहर्ता रावण,राम के ही हाथों से॥

द्रोपदी का चीरहरण किया था किसी दुःशासन ने,
महाभारत का आगाज हुआ था धृतराष्ट्र के शासन में।
बोलो तुम फिर क्यो आज किसके इंतजार में बैठे हो,
क्या तुम भी धृतराष्ट्र महाभारत के इंतजार में बैठे हो ?

कृष्ण अगर दे सकते नहीं हमें तो रानी झांसी दे दो,
बलात्कारियों को सरेआम अब सीधे फाँसी दे दो,
या उससे भी कठोर दंड का तुम प्रावधान करो,
कभी न हो पुनरावृत्ति इसकी,ऐसा तुम विधान करो॥

परिचय-सोनू कुमार मिश्रा की जन्म तारीख १५ फरवरी १९९३ तथा जन्म स्थान दरभंगा(बिहार )है। वर्तमान में ग्राम थलवारा(जिला दरभंगा)में रहते हैं। बिहार राज्य के श्री मिश्रा की शिक्षा -स्नातकोत्तर(हिंदी) है। आप कार्यक्षेत्र में शिक्षक हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत समाजसेवी हैं। लेखन विधा-कविता है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक चेतना जागृत करना औऱ वर्तमान में मातृभाषा हिन्दी का प्रचार करना है। 

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