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महुआ मस्ती करने लगा

सुदामा दुबे 
सीहोर(मध्यप्रदेश)

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मीठे-मीठे फल से अपने,
गोद मही की भरने लगा।
महक लिए मादक मतवारी,
महुआ मस्ती करने लगा॥

सरस सारिका राग छेड़ रही,
नव किसलय की ओट लिए।
बौर देख बौराई शाखें,
अंब से आसव झरने लगा॥

अमलतास हुआ पीला-पीला,
सिंदूरी खिला फूल पलाश।
चटक रंग की चादर ओढ़े,
गुलमोहर हिये हरने लगा॥

दहक रहा अंगारे जैसा
दिनकर अपने यौवन में।
दंभ हुआ भारी समीर को,
भेष भाँति के धरने लगा॥

सरिता वापी कूँप तड़ागे,
सारे वारि हीन हुए।
बस्ती और विपिन में देखो,
जीव प्यास से मरने लगा॥

परिचय: सुदामा दुबे की की जन्मतिथि ११ फरवरी १९७५ हैL आपकी शिक्षा एम.ए.(राजनीति शास्त्र)है L सहायक अध्यापक के रूप में आप कार्यरत हैं L श्री दुबे का निवास सीहोर(मध्यप्रदेश) जिले के बाबरी (तहसील रेहटी)में है। आप बतौर कवि काव्य पाठ भी करते हैं। लेखन में कविता,गीत,मुक्तक और छंद आदि रचते हैंL

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