कुल पृष्ठ दर्शन : 330

You are currently viewing नदिया न पिये कभी…

नदिया न पिये कभी…

संजय जैन 
मुम्बई(महाराष्ट्र)

****************************************

‘विश्व जल दिवस’ विशेष

नदिया न पिये,
कभी अपना जल।
वृक्ष न खाए,
कभी अपना फल।
सभी को देते रहते,
सदा ही फल-जल।
नदिया न पिये कभी…॥

न वो देखे जात-पांत,
और न देखे छोटा-बड़ा।
न करते वो भेद-भाव,
और न देखे अमीरी-गरीबी।
सदा ही रखते समान भाव,
और करते सब पर उपकार।
नदिया न पिये कभी…॥

निरन्तर बहती रहती,
चारों दिशाओं में नदियां।
हर मौसम के फल देते,
वृक्ष हमें सदा यहां।
तभी तो प्रकृति की देन कहते,
हम सब लोग उन्हें सदा।
नदिया न पिये कभी…॥

परिचय– संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।

Leave a Reply