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अब तो बस करो ना `कोरोना`

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
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`कोरोना`,अब तो बस करो ना,
कोरोना,अब तो बस करो ना
दुनिया तड़पे जीवन खातिर,
तुम अब तो ठंडा पड़ो ना
कोरोना,अब तो बस करो ना…।

चीनी खाते चूहा और साँप,
दुनिया करती है बाप रे बाप
तुम हम पर तो दया करो ना,
कोरोना,अब तो बस करो ना…।

जीवन है अनमोल रतन धन,
बड़े भाग्य से मिला है ये तन
हमसे इसे हरो ना,
कोरोना,अब तो बस करो ना…l

हम तो हिंद के शेरे दिल हैं,
हमसे खेलना बड़ा मुश्किल है
डरते पड़ोसी,तुम भी डरो ना,
कोरोना,अब तो बस करो ना…l

कहे `उमेश` संत की मानो,
मानव के दु:ख-दर्द को जानो
शाकाहारी हैं हम,तुम भी बनो ना,
कोरोना,अब तो बस करो ना…l

`उमेश` की बात गाँठ बाँध लो,
साधक हैं हम,तुम खुद को साध लो
सब सुनते हैं बात,तुम भी सुनो ना,
कोरोना,अब तो बस करो ना…l

विनती करना धर्म हमारा,
हम करते हैं कर्म हमाराl
तुम यहाँ से प्रस्थान करो ना,
कोरोना,अब तो बस करो ना…ll

परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

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