ममता तिवारी
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
**************************************
महाशिवरात्रि विशेष………..
शोभित शीश शशि रहे,जटा जुट गंगधार,
भक्तन शिव कृपा करे,नमामि बारम्बार।
शम्भू बाघम्बर सजे,सदा से आशुतोष,
विश्व भार ले विष गले,ध्यानमग्न संतोष।
कंठ भुजंग है लिपटे,नन्दी करे सवार,
कैलाशी वासी बने,जग के पालनहार।
बेल पत्र धतूरा प्रियम,भांग व आक कनेर,
भक्तों की पुकार सुनते,आते करे न देर।
क्षीर अक्षत अभिषेक हो,अवधूत विरुपाक्ष,
माता अम्बे सँग सदा,शंकर अक्ष रूद्राक्ष॥
परिचय-ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।