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कोरोना योद्धाओं को समर्पित रहा ऑनलाइन कवि सम्मेलन

इंदौर(मप्र)l

कोरोना महामारी के कालचक्र से वर्तमान सामाजिक असंतुलन, बेरोजगारी एवं गहराते आर्थिक संकट के विरुद्ध सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का संबल देने के लिए साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था नई क़लम की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी आयोजित की गईl इसमें प्रदेश के अनेक नामचीन कलमकारों ने काव्यपाठ किया,जो पूरी तरह कोरोना योद्धाओं को समर्पित रहाl
संस्था की ओर से यह जानकारी कवि विनोद सोनगीर ने दीl आपने बताया कि,विभिन्न कलमकारों ने इस वैश्विक महामारी के समय रक्षा दूतों के मनोबल को बढ़ाने और चिंता के समय में सकारात्मक रचनाओं के माध्यम से काव्य पाठ कर रचनाएं उन सभी कोरोना योद्धाओं को समर्पित की,जो स्वयं मैदान में उतर कर पूरी दुनिया की रक्षा में लगे हैं। सम्मेलन का शुभारंभ कवि संतोष त्रिपाठी ने माँ सरस्वती की वंदना गा कर प्रारंभ किया। कवियित्री सरिता चौहान ने कविता पढ़ी-जिंदगी हूँ बसर हो जाती हूँ। पूनम आदित्य ने-व्योम की मेखला से उपजित हृदय का..,अपनी कविता की पंक्तियां पढ़ी तो विनीता चौहान ने अपनी समसामयिक रचना-खोलो कभी इतिहास के वातायन से मजदूरों की पीड़ा बताई। संतोष त्रिपाठी ने-कोरोना चालीसा जग व्याकुल विक्षिप्त नर …से समा बांधा। सुनील ‘उपमन्यु’ ने ‘घरों में रहकर लॉक डाउन में करो योग’ सुंदर गीत सुनाया। शैलेष सारंग ने ‘साहित्य सरिता सुधा बह रही यहां..’ सुनाकर मन मोह लिया तो विनोद सोनगीर ने अपनी ग़ज़ल-मुझसे वो मेरी पहली मुहब्बत मांग बैठा’ सुनाई। महेंद्र जैन ने बड़ी ही मार्मिक कविता-निज शिशु की को भेंट चढ़ा दे’ पढ़ कर आत्मविभोर कर दिया। इनके साथ ही सम्मेलन में रवि राज टांक, यश कौशल, शशांक शर्मा,डॉ. गगन भाटी, सरिता चौहान,संतोष चुभन, आतिश इंदौरी,नितेश कुंभकार,संजय जैन बेजार सहित प्रशांत डोंगरे,विनीता सिंह चौहान ने भी काव्य पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि नरेंद्र अटल ने कीl
आपने-सुंदर सपनों का कल देना बहुत जरूरी,खुद में खुद को संबल देना बहुत जरूरी’ के रुप में सुंदर प्रस्तुति दी। संचालन कवि जितेंद्र राज ने कियाl अतिथि व कलमकारों का आभार श्री सोनगीर ने प्रकट किया।

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