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ऑनलाइन आवेदन सुविधा केवल अंग्रेजी में देने की शिकायत

सेवा में,

डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक जी,
शिक्षा मंत्री,
भारत सरकार,नई दिल्ली।

विषय- नवोदय विद्यालय समिति द्वारा प्रवेश परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन की सुविधा केवल अंग्रेजी में देकर ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों व विद्यार्थियों के साथ भाषाई आधार पर भेदभाव करने और उन्हें प्रवेश प्रक्रिया से बाहर करने के विरुद्ध याचिका।

महोदय,
१९८६ में नवोदय विद्यालय समिति के माध्यम से देश के प्रत्येक जनपद में जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना राष्ट्रीय एकता,भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार व ग्रामीण क्षेत्र के मेधावी संसाधनविहीन विद्यार्थियों को उत्कृष्ट आवासीय शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी,जिसमें ये विद्यालय बहुत सफल भी हुए हैं,परंतु दु:खद सच्चाई यह है कि नवोदय विद्यालय समिति के दिल्ली स्थित मुख्यालय में १९८६ से लेकर आज तक अपने प्रशासनिक कामकाज में केवल अंग्रेजी भाषा को ही प्रश्रय दिया गया है। अपनी स्थापना के ३४ वर्षों में समिति ने किसी भी हिन्दीभाषी राज्य से एक बार भी राजभाषा हिन्दी में पत्राचार नहीं किया है। हिन्दीभाषी राज्यों में स्थित समिति के क्षेत्रीय कार्यालयों में भी १०० प्रतिशत कार्य अंग्रेजी भाषा में ही किया जाता है।
कोरोना काल में नवोदय की प्रवेश परीक्षा के भौतिक रूप से भरे जाने वाले आवेदनों के स्थान पर ऑनलाइन आवेदन (http://navodaya.gov.in/nvs/en/Admission-JNVST/JNVST-class/) की व्यवस्था आरंभ की गई है,यह प्रक्रिया १०० प्रतिशत अंग्रेजी में है,जबकि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में अंग्रेजी भाषा का ज्ञान शून्य से अधिक नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों को इससे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है,केवल अंग्रेजी में होने के कारण वे आवेदन फार्म भरने में अक्षम हैं। इससे देश के लाखों प्रतिभाशाली छात्र प्रवेश परीक्षा में भाग लेने से वंचित रह जाएँगे,यह देश में किए जाने वाले भाषाई भेदभाव का शर्मनाक उदाहरण है।
अतः देश के करोड़ों अभिभावकों की ओर से विनम्र प्रार्थना है कि आप नवोदय विद्यालय समिति को अपनी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को राजभाषा हिन्दी सहित सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में शुरू करने व आवेदन फार्म राजभाषा नियमावली १९७६ के नियम ११ के अनुसरण में द्विभाषी (एकसाथ हिंदी व अंग्रेजी में) और त्रिभाषी (एकसाथ स्थानीय भाषा-हिंदी व अंग्रेजी में) तैयार करने का निर्देश जारी करें और प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए,ताकि कोई भी अभिभावक या छात्र अंग्रेजी के कारण प्रवेश प्रक्रिया से वंचित न रहे।
चूँकि,मामला गंभीर है इसलिए त्वरित कार्रवाई अपेक्षित है।
धन्यवादl

प्रवीण कुमार जैन
नवी मुंबई

(सौजन्य:वैश्विक हिन्दी सम्मेलन,मुम्बई)

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