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प्लास्टिक…नहीं और नहीं

इशिता मोहंती
कटक (ओडिशा)
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जल थल,वायु और आकाश,
सबमें हो रही प्रदूषण की जय-जयकार।
‘प्लास्टिक’ रूपी राक्षस घोल रहा है जहर,
प्लास्टिक का ही मचा है चारों और कहर।
प्लास्टिक रसायन हानिकारक,
जान लो मेरे मित्रों,खाने को न रखो इसमें।
पानी को न रखो इसमें,
बीमारियों की खदान प्लास्टिक।
अब जागने का समय है,
प्लास्टिक का प्रयोग नहीं बस और नहीं…॥

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