उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश)
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स्नेह के धागे…
रक्षाबंधन आया है,
सबके मन को भाया है
भाई-बहन के पावन प्रेम को,
फिर इसने हर्षाया है।
रक्षाबंधन आया है,
सबके मन को भाया है…
हरदम लड़ते और झगड़ते,
कभी ओ मुँह फुलाया है
सबसे प्यारे रिश्ते को,
फिर सबने गले लगाया है।
रक्षाबंधन आया है,
सबके मन को भाया है…
कहे ‘उमेश’ प्रेम का बंधन,
पावन सावन में आया है
पूरनमासी के दिन सबने,
कलाई को खूब सजाया है।
रक्षाबंधन आया है,
सबके मन को भाया है…
रक्षा सूत्र बाँध बहना ने,
कुंकुम तिलक लगाया है
रक्षा करूंगा हरदम बहना,
भाई ने शीश झुकाया है।
रक्षाबंधन आया है,
सबके मन को भाया है…॥
परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।