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राष्ट्रभाषा हूँ मैं

रेणु झा ‘रेणुका’
राँची(झारखंड)
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हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष………………..


राष्ट्रभाषा हूँ मैं,
उस देश महान की
हिमालय के गोद में बसे,
प्यारे हिन्दुस्तान की।

युगों से ग्रंथ,काव्यों में,
विचरती थी,हर लफ्ज पर
मैं ही संवरती थी,
आज ये हालात कि
अपने ही देश में,
मैं मेहमान-सी…
मैं राष्ट्रभाषा हूँ,
हिन्दुस्तान की।

अब ‘हिंदी दिवस’ पर,
मेरी चर्चा अपनों में होती है
खास मौके,त्यौहार की तरह,
याद की जाती हूँ मैं
बताई जाती है मेरी महत्ता,
सदा,सर्वथा हर क्षेत्र में
बनाए रखने की,
ये हिदायतें सुबह से शाम की…
हाँ,मैं राष्ट्रभाषा हूँ,
प्यारे हिन्दुस्तान की।

हर क्षेत्र ने अंग्रेजी को,
सर आँखों पर बिठाया
मेरे महत्व को घटाया,
कम हो गई मेरी गरिमा
स्वाभिमान की,
प्रश्न है मेरे मान का
मेरी दशा मेरे ही,
देश में मेहमान-सी…
मैं राष्ट्रभाषा हूँ,
प्यारे हिन्दुस्तान की।

अब परिवेश बदल रहा है,
आजकल मेरी गरिमा बढ़ाने को
देश ने हर क्षेत्र में,
व्यवस्था बनाई है कि
हर हिन्दुस्तानी पर पुनः,
मेरा वर्चस्व होगा
सदा,सर्वदा,सर्वज्ञ,
भाषा होगी ‘हिन्दी’
अपने हिन्दुस्तान में…।
मैं हिन्दी भाषा हूँ,
अपने देश महान की॥

परिचय-रेणु झा का निवास झारखंड राज्य के राँची जिले में स्थाई रूप से है। साहित्यिक उपनाम ‘रेणुका’ लिखने वाली रेणु झा की जन्म तारीख ५ सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-राँची है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा का ज्ञान रखने वाली रेणुका की पूर्ण शिक्षा-एम ए. और बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण(शिक्षक),समाजसेवा एवं साहित्य सेवा का है। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत नि:शुल्क शिक्षा देने सहित विविध सामाजिक कार्य भी करती हैं। इनकी लेखन विधा-लेख,गीत तथा कविता है। कईं पत्र- पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होने का सिलसिला जारी है। आपको प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में विशेष रूप से मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित हैं तो अन्य मंचों से कईं साहित्यिक सम्मान मिले हैं। विशेष उपलब्धि-सामाजिक समस्याओं पर लेखन में दैनिक समाचार-पत्र से सम्मानित किया गया है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समस्याओं का निदान,लोगों में जागरूकता लाना और हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार करना है। आपके पसंदीदा हिन्दी लेखक-श्री प्रेमचंद,सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और हरिवंशराय बच्चन हैं। प्रेरणापुंज-माँ है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“मेरा देश विश्व गुरु हो,यही कामना है। हिंदी भाषा देश के हर क्षेत्र,राज्य में बोली और लिखी जाए।”

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