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शरद पूर्णिमा की चाँदनी

डॉ.पूर्णिमा मंडलोई
इंदौर(मध्यप्रदेश)

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शरद पूर्णिमा स्पर्धा विशेष…..

आज निकला है चाँद,
लिए हुए अपनी पूर्णताl
बिखेर रहा है चाँदनी,
शीतलता लिए हुएl
शुरु हुई शरद ऋतु,
मंद-मंद ठंडी बयारl
करती ऋतु परिवर्तन,
सबको करती मदमस्तl
कौन है जो नहीं करता,
अपनी प्रेमिका की तुलना
देते उपमा उस चाँद कीl
जैसे नहाई दूधिया रोशनी में
सोलह कलाओं से युक्त
करते सुंदरता का बखानl
हम सब हैं जिसके साक्षी,
करते हैं अमृतपानl
कोई और नहीं यही तो है,
शरद पूर्णिमा की चाँदनीll

परिचय–डॉ.पूर्णिमा मण्डलोई का जन्म १० जून १९६७ को हुआ है। आपने एम.एस.सी.(प्राणी शास्त्र),एम.ए.(हिन्दी) व एम.एड. के बाद पी-एच. डी. की उपाधि(शिक्षा) प्राप्त की है। डॉ. मण्डलोई मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित सुखलिया में निवासरत हैं। आपने १९९२ से शिक्षा विभाग में सतत अध्यापन कार्य करते हुए विद्यार्थियों को पाठय सहगामी गतिविधियों में मार्गदर्शन देकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाई है। विज्ञान विषय पर अनेक कार्यशाला-स्पर्धाओं में सहभागिता करके पुरस्कार प्राप्त किए हैं। २०१० में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान (जबलपुर) एवं मध्यप्रदेश विज्ञान परिषद(भोपाल) द्वारा विज्ञान नवाचार पुरस्कार एवं २५ हजार की राशि से आपको सम्मानित किया गया हैL वर्तमान में आप सरकारी विद्यालय में व्याख्याता के रुप में सेवारत हैंL कई वर्ष से लेखन कार्य के चलते विद्यालय सहित अन्य तथा शोध संबधी पत्र-पत्रिकाओं में लेख एवं कविता प्रकाशन जारी है। लेखनी का उद्देश्य लेखन कार्य से समाज में जन-जन तक अपनी बात को पहुंचाकर परिवर्तन लाना है।

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