कुल पृष्ठ दर्शन : 229

You are currently viewing श्रद्धा ही श्राद्ध

श्रद्धा ही श्राद्ध

प्रीति शर्मा `असीम`
नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)
***********************************************************

श्रद्धा ही श्राद्ध है,
इसमें कहाँ अपवाद है।

सत्य…सनातन सत्य,
जो वैज्ञानिकता का आधार है…
इसमें कहाँ अपवाद है,
श्रद्धा ही श्राद्ध है।

सत्य-सनातन संस्कृति पर,
जो उंगलियां उठाते हैं
इसे ढोंगी,
ढपोरशंखी बताते हैं
वो भरम में ही रह जाते हैं
आधे सच से,
सच्चाई तक…
कहाँ पहुंच पाते हैं,
श्राद्ध श्रद्धा और विश्वास है।

यह निरीह प्राणियों की आस है,
यह मानव कल्याण का सृजन है
यह पर्यावरण का संरक्षक है,
यह ढोंग नहीं है
यह ढ़ाल है
यह मानव का आधार है,
इसी से निकले,
सभी धर्म और विचार हैं।

सत्य-सनातन को,
कौन झुठला सकता है
लेकिन अफवाहें फैला कर,
इस पर आक्षेप तो
लगा ही सकता है,
रीतियों को…
कुरीतियां बता कर,
कटघरे में खड़ा तो
कर दिया गया।

क्या…?
हमने और आपने,
सच को समझने का
कभी हौंसला किया!
हम समझे नहीं,
लेकिन हमने,
हाँ में हाँ तो मिला दी…
फिर श्रद्धा…
…कहाँ श्राद्ध है।

श्राद्ध को लेकर,
भ्रांतियां और अपवाद फैलाते रहे
लेकिन,
सनातन सत्य को न समझे
उसी से निकल कर,
नये विचारों का गुण-गान गाते रहे
श्राद्ध को,
पितृ तृप्ति तक पाते रहे
निरीह प्राणियों का पोषण,
क्या संस्कार देगें!
अगली पीढ़ी को,
यह भूल जाते रहे।

मानता हूँ…
जब शरीर ही नहीं है,
तो अन्न का पोषण किस अर्थ में…
हम ढोंग कह कर,
यह बिगुल तो बजाते रहे
लेकिन सही अर्थ तक,
हम कहाँ पहुंच पाते रहे।

क्यों नहीं समझ पाए,
असंख्य जीवों के…
पोषक तो मनुष्य ही हैं
क्या उदाहरण दें…
जिससे वह अपनों से,
और निरीह जीवों से जुड़ पाते।

संस्कार और संस्कृति को,
जब सही ढंग से…
नहीं जान पाते हैं।
तब ढोंगी लोग
भावनाओं से,
छलावा कर
मानव को भटकाते हैं॥

परिचय-प्रीति शर्मा का साहित्यिक उपनाम `असीम` हैL ३० सितम्बर १९७६ को हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में अवतरित हुई प्रीति शर्मा का वर्तमान तथा स्थाई निवास नालागढ़(जिला सोलन,हिमाचल प्रदेश) हैL आपको हिन्दी,पंजाबी सहित अंग्रेजी भाषा का ज्ञान हैL पूर्ण शिक्षा-बी.ए.(कला),एम.ए.(अर्थशास्त्र,हिन्दी) एवं बी.एड. भी किया है। कार्यक्षेत्र में गृहिणी `असीम` सामाजिक कार्यों में भी सहयोग करती हैंL इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी,निबंध तथा लेख है।सयुंक्त संग्रह-`आखर कुंज` सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंL आपको लेखनी के लिए प्रंशसा-पत्र मिले हैंL सोशल मीडिया में भी सक्रिय प्रीति शर्मा की लेखनी का उद्देश्य-प्रेरणार्थ हैL आपकी नजर में पसंदीदा हिन्दी लेखक-मैथिलीशरण गुप्त,जयशंकर प्रसाद,निराला,महादेवी वर्मा और पंत जी हैंL समस्त विश्व को प्रेरणापुंज माननेवाली `असीम` के देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“यह हमारी आत्मा की आवाज़ है। यह प्रेम है,श्रद्धा का भाव है कि हम हिंदी हैं। अपनी भाषा का सम्मान ही स्वयं का सम्मान है।”

Leave a Reply