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जग पर उपकार

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ 
उदयपुर(राजस्थान)

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नारी आपकी महत्ता को,जग करे नमस्कार,
आप जननी जग की,जग पर किया उपकार।
नारी आपकी महत्ता को…

नारी को समझें नहीं,अबला या लाचार,
शीश उठाये वह खड़ी,मांग रही अधिकार।
समाज के हर क्षेत्र में,अब है भागीदार,
नारी शक्ति तुझे नमन,जग करता हर बार।
नारी आपकी महत्ता को…॥

आँचल में ममता बसी,तुम हो पालनहार,
अपने इस कर्तव्य को,आँसू करे स्वीकार।
बनी केन्द्र यह जगत की,इससे ही संसार,
सृष्टि इसी धुरी पर टिकी,लाख धन्य है नार।
नारी आपकी महत्ता को…॥

समान लैंगिक भाव हो,नहीं हो तिरस्कार,
नार,शक्ति नर की बने,समाज सुने पुकार।
प्यार शक्ति हिम्मत रखे,वह है जिम्मेदार,
समय याचना का गया,वह मांगे अधिकार।
नारी आपकी महत्ता को…॥

परिचय–संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ और जन्म स्थान-उदयपुर(राजस्थान)है। वर्तमान में उदयपुर में ही स्थाई निवास है। अभियांत्रिकी में स्नातक श्री गुप्ता का कार्यक्षेत्र ताँबा संस्थान रहा (सेवानिवृत्त)है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप समाज के कार्यों में हिस्सा लेने के साथ ही गैर शासकीय संगठन से भी जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता,मुक्तक एवं कहानी है। देवेश की रचनाओं का प्रकाशन संस्थान की पत्रिका में हुआ है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जिंदगी के ५५ सालों के अनुभवों को लेखन के माध्यम से हिंदी भाषा में बौद्धिक लोगों हेतु प्रस्तुत करना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-तुलसीदास,कालिदास,प्रेमचंद और गुलजार हैं। समसामयिक विषयों पर कविता से विश्लेषण में आपकी विशेषज्ञता है। ऐसे ही भाषा ज्ञानहिंदी तथा आंगल का है। इनकी रुचि-पठन एवं लेखन में है।

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