नारी:हर दिन सम्मान की अधिकारी

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ नारी सम्मान क्या एक दिन में हो जाता है,क्या एक दिन में जीवन ख़त्म हो जाता है।क्या एक दिन में सृष्टि की रचना हुई,क्या एक दिन में सबका घर बस जाता है ? नारी हर दिन सम्मान की अधिकारी है,एक नारी पूरे परिवार पे भारी है।नारी बिन कुछ नहीं चलता जग में,नारी ही … Read more

हर प्यास की आस हो तुम

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ सच्चे प्यार की परिभाषा हो तुम,निराश जीवन की आशा हो तुम।ज़िन्दगी का जीवन हो तुम,बहार का उपवन हो तुम। शीतल नदी का जल हो तुम,जो न भूलूँ वो पल हो तुम।तुम्हें पाया कुछ और पाने की चाह नहीं,तुम्हारे प्यार की कोई थाह नहीं। नसीब वालों का नसीब हो तुम,जो न कभी दूर हो,वो … Read more

हिंद देश का हिंद बगीचा

सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. हिंदी अपनी शान है,जीवन का मधुर संगीत है,शब्द-शब्द में सरगम गूंजे,बिंदु मधुरम गीत है। शब्दों का मैं करूं बिछौना,भाषा को मैं ओढ़ लूं,वर्ण-वर्ण बन जाए झूला,लेखन डोरी कर लूं। भाषा के उपवन में,पुष्प सदा पल्लवित हों,मुहावरों के पत्ते हों,कहावतों की बेलें हों। हिंद देश का हिंद बगीचा,हरदम … Read more

क़रार ढूँढती हूँ

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ सेहरा में चमन ए बहार ढूँढती हूँ।तन्हा रहकर मैं भी क़रार ढूंढती हूँ। ये शाम ये मदहोश समाँ ये हवाएँ,खो गया कहाँ मेरा यार ढूँढती हूँ। मेरी मन्नत मेरी जन्नत मेरा सुकूँ हो,हो तुम कहाँ तुम्हें मैं प्यार ढूँढती हूँ। थक चुकी हूँ ज़माने से लड़ते-लड़ते,मैं अकेली मेरा तलबगार ढूँढती हूँ। शाम के … Read more

हिंदी दिल में बसे

सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’मुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************************** हिंदी में ही मन बसे,और बसे संसार।सरिता हिंदी भाव की, जीवन का आधार॥ सहज सरल भाषा यही,जिसकी नहीं मिसाल।जो इसका आदर करे,करती उसे निहाल॥ अनुजा संस्कृत की यही,सुंदर भाषा ज्ञान।शब्द शब्द परखा हुआ,साँचा यह विज्ञान॥ हिंदी महिमा मैं करूँ,शब्द नहीं है पास।हिंदी भाषा विश्व हो, यह है मन की आस॥ विश्व पटल … Read more

मिले प्रतिष्ठा तब वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ******************************************* समझो ये चेतावनी,करे जो देश विरोध।भूल प्रतिष्ठा वतन की,बने प्रगति अवरोध॥ शौर्य वीर सीमा वतन,उद्यत नित बलिदान।तजो स्वार्थ द्रोही वतन,करो राष्ट्र सम्मान॥ तभी प्रतिष्ठा ख़ुद मिले,यदि प्रतिष्ठित देश।धन वैभव सुख प्रगति सब,सुखद बने उपवेश॥ संस्कृत संस्कृति हो उभय,मिली प्रतिष्ठा देश।पृथ्वी ही परिवार है,नित भारत संदेश॥ आन बान शान ए … Read more

कर्मों का हिसाब

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ हम उतने भी बुरे नहीं,जितना लोगों ने बनाया हैमासूम थे तभी तो मुझे,अपनों ने सताया है। नहीं काम आई,दिल की अच्छाइयाँ मुझेमैं नहीं जानती थी,कि सगों ने भरमाया है। दिल अपने कर्मों का,सीसीटीवी कैमरा हैसमझ सके तो मान ले तू,कर्मों का हिसाब बक़ाया है। वो दुनिया कितनी हसीन होगी,कृष्ण की बनाई रंगीन होगीग़म … Read more

नजर कभी चाँद पर…

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ ये चाँद किसने टांक दिया है आसमान पर।के रश्क़ आ रहा है मेरे सायबान पर। नज़र कभी चाँद पर कभी सनम पर जाती है,के प्यार आ रहा है इसी जानेजान पर। चाँदनी की ओढ़नी पर तारों का चमकना,जड़े हैं सुंदर सलमे सितारे अपनी शान पर। किसी के बेहद प्यार का करिश्मा है ये,कि … Read more

मेरी किश्ती का किनारा था

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************** साथ उसका बड़ा ही प्यारा था।मेरे जीने का जो सहारा था। मन्नतें मांग कर जिन्हें पाया,वो मेरी किश्ती का किनारा था। वो जमीं पर ख़ुदा की सूरत है,यार रूठा मेरा सहारा था। यूँ तो देखा है ज़िन्दगी में बहुत,सँग उसका हंसी नज़ारा था। उनको पाना ही मेरा था मक़सद,और कुछ भी नहीं गँवारा … Read more

दर्द

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************************ ख़याली पुलाव बनाना अच्छा नहीं होता,यूँ ही दिल बहलाना अच्छा नहीं होता।है रंजिशें दिल में तो छुपाकर रखो-ग़मों को बतलाना अच्छा नहीं होता। दिल का दर्द तू महसूस करना सीख ले,इस तरह ख़ुद के दिल में रहना तू सीख ले।दर्द की परिभाषा तू कभी तो समझेगा-जीवन में तू मरना फ़िर जीना सीख ले। … Read more