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नारी:हर दिन सम्मान की अधिकारी

रेणू अग्रवाल
हैदराबाद(तेलंगाना)
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नारी सम्मान क्या एक दिन में हो जाता है,
क्या एक दिन में जीवन ख़त्म हो जाता है।
क्या एक दिन में सृष्टि की रचना हुई,
क्या एक दिन में सबका घर बस जाता है ?

नारी हर दिन सम्मान की अधिकारी है,
एक नारी पूरे परिवार पे भारी है।
नारी बिन कुछ नहीं चलता जग में,
नारी ही बाप,पति,भाई की प्यारी है।

माँ कहलाऊँ,दिनभर काम करूं,
घर सजाऊँ,फ़र्श बुहारूं,राम करूं।
रसोई में पूरा जीवन जाता मेरा,
थक-हार फ़िर थोड़ा आराम करूं।

नहीं चाहिए एक दिन का मान मुझे,
सब छलते युगों-युगों से जान मुझे।
कभी ‘शक्ति’ कहा,कभी ‘अबला’ बोले,
जैसा मतलब पड़ा देते सम्मान मुझे।

मतलब निकाला,मुझे देवी बना दिया,
क्या हूँ मैं,समझने का मौका नहीं दिया।
सिर्फ़ काम पड़ा तो याद किया,
ख़ुद की ख़ातिर मुझे बदनाम किया॥

परिचय-रेणू अग्रवाल की जन्म तारीख ८ अक्टूबर १९६३ तथा जन्म स्थान-हैदराबाद है। रेणू अग्रवाल का निवास वर्तमान में हैदराबाद(तेलंगाना)में है। इनका स्थाई पता भी यही है। तेलंगाना राज्य की वासी रेणू जी की शिक्षा-इंटर है। कार्यक्षेत्र में आप गृहिणी हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज में शाखा की अध्यक्ष रही हैं। लेखन विधा-काव्य(कविता,गीत,ग़ज़ल आदि) है। आपको हिंदी,तेलुगु एवं इंग्लिश भाषा का ज्ञान है। प्रकाशन के नाम पर काव्य संग्रह-सिसकते एहसास(२००९) और लफ़्ज़ों में ज़िन्दगी(२०१६)है। रचनाओं का प्रकाशन कई पत्र-पत्रिकाओं में ज़ारी है। आपको प्राप्त सम्मान में सर्वश्रेष्ठ कवियित्री,स्मृति चिन्ह,१२ सम्मान-पत्र और लघु कथा में प्रथम सम्मान-पत्र है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-गुरुजी से उज्जैन में सम्मान,कवि सम्मेलन करना और स्वागत कर आशीर्वाद मिलना है। रेणू जी की लेखनी का उद्देश्य-कोई रचना पढ़कर अपने ग़म दो मिनट के लिये भी भूल जाए और उसके चेहरे पर मुस्कान लाना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-हर हाल में खुशी है। विशेषज्ञता-सफ़ल माँ और कवियित्री होना है,जबकि रुचि-सबसे अधिक बस लिखना एवं पुरानी फिल्में देखना है।

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