भगवान महावीर के सिद्धान्त आज भी मूल्यवान

श्रीमती अर्चना जैन दिल्ली(भारत) *************************************************************** भगवान महावीर स्वामी का जन्म आज से लगभग २६०० वर्ष पूर्व वैशाली के कुंडग्राम में राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के यहां हुआ था। इन्होंने ‘जियो और जीने दो’ के संदेश को अपनाया और हम सबको भी इस संदेश का पालन करने को कहा। ‘अहिंसा’ सबसे बड़ा धर्म है,हमें जियो … Read more

नकारात्मक नहीं,सकारात्मक सोचिए

श्रीमती अर्चना जैन दिल्ली(भारत) *************************************************************** दोस्तों,इस संकट के समय में हमारे दिमाग में नकारात्मक विचार आ रहे हैं तो हमें कुछ सकारात्मक भी सोचना चाहिए। आज हर तरफ ‘कोरोना’ नाम की महामारी फैली हुई है,जिसे देखो उसे ही इस बीमारी का भय है। इस कोरोना नाम की महामारी से इस मुसीबत में भी हमें हिम्मत … Read more

माँ दुर्गे नजर आने लगी

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** माता रानी के चरणों में गिरती गई, इन हवाओं से कैसे मैं घिरती गई। ये कदम उठते हैं तेरे द्वारे पे माँ, तेरी गलियाँ मुझे सिर्फ भाने लगी। जब न देखूँ तुझे दिल होता बेचैन, तेरे मंदिर पर मैं रोज आने लगी। क्षीण होता बदन लड़खड़ाते कदम, तेरी रहमत से ही … Read more

शीशे का खिलौना

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** शीशे का खिलौना हूँ, गिर के टूट जाता हूँ। दिल पे लगी जो पत्थर, चूर-चूर होता हूँ। देखी बिकी मोहब्बत, दिल फेंक अदाएँ भी। करती रही है दावा, कसमें दे वफाएँ भी। फूलों का बिछौना हूँ, काँटे भी चुभाता हूँ। शीशे का खिलौना हूँ, गिर के टूट जाता हूँ। यादों में … Read more

हरेली त्योहार

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** हरियाली का अपभ्रंश है हरेली, छत्तीसगढ़ी प्रकृति पूजते बना सहेली। नांगर,कोपर रापा,कुदारी,चतवार सूजा, कृषि कार्य ही इनकी सर्वोत्तम पूजा। होम धूप दे भोग लगे चीला, हर कृषक रहता यहाँ खिला-खिला। डोंगहार सिंदूर का त्रिशूल बना पूजते नाव, भेलवा और महुआ डाली दरवाजे पर रखते पूरे गाँव। हरेली के दूसरे दिन राउत … Read more

कारगिल विजय

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. भारतीय सेना की जय हुई, कारगिल युद्ध में विजय हुई। कठिन थी जीत पर संभव हुई, जवानों की लाशों पे ये तय हुई। साठ दिनों तक कठिन लड़ाई हुई, पाक सैनिकों की बुरी पराजय हुई। तिरंगा बना था कफन साथियों, जल्दी करो न दफन साथियोंll सैनिक … Read more

शपथ

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** सदा सच बोलूँ,ये शपथ लेता हूँ। झूठ की पोल खोलूँ,ये शपथ लेता हूँ। भ्रष्ट कदम डगमगाने लगे अगर कभी तो- उन कदमों में शूल चुभाऊँ,ये शपथ लेता हूँ। निष्ठापूर्वक कार्य करूँ,ये शपथ लेता हूँ। मुश्किल राह से ना डरुं,ये शपथ लेता हूँ। फिर भी असफल हो जाऊँँ अगर कभी तो- पुन: … Read more

मेरी माँ

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ तू अवर्णित है, करुणा की रागिनी से ध्वनित है। कभी वज्र से भी कठोर, कभी कुसुम कोमल हृदय से निर्मित है। कभी गिरि ह्रदय से फूट निर्झरियों सदृश आरोह, कभी निर्मल शीतल प्राणवत्ता से जीवन संचित है। जीवन के दुर्गम पथ की प्यास और थकान हर … Read more