मुझे समझौता ही रहने दो…

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** जिंदगी में,बहुत बड़े-बड़े खवाब तो नही देखेमेरी आँखों में,छोटे-छोटे गूंगे,सपने तो रहने दो।मुझे समझौता ही रहने दो… जिंदगी से,मैंने सौदे तो नहीं किएसच का सामना करने के लिए,मुखौटे भी नही लिएमेरा सच,मेरे साथ रहने दो।मुझे समझौता ही रहने दो… जिंदगी से,प्यार किया,छल तो नहीं कियाशब्दों की सलाखों को,मेरे दिल के आर-पार … Read more

बसंत…तुम जब

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** बसंत तुम जब आते हो,प्रकृति में नव उमंग,उन्माद भर जाते होहवाएं चलती हैं सुगंध ले करजीवन में खुशबू बिखराते हो।बसंत तुम जब आते हो… कितने नए एहसास जागते हैं,नित-नूतन संसार सजाते होहर तरफ फूलों से बगिया तुम सजाते हो,कहीं पीले-कहीं नारंगी,लाल गुलाब महकाते हो।बसंत तुम जब आते हो… सृजन की प्रेरणा … Read more

खून की मांग

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** सुभाष चंद्र बोस जयंती (२३ जनवरी)विशेष…. ‘खून मांग’ कर आजादी के,सपने को साकार किया।सुभाषचंद्र बोस ने आज़ाद,भारत का निर्माण किया॥ ‘खून मांग’ कर आजादी के,सपने को साकार किया।कौन…भुला पाएगा,मातृभूमि के सपूत ने…जो किया।होकर खड़े अकेले,‘आजाद हिंद’सेना को साकार किया॥ ‘खून मांग’ कर आजादी के,सपने को साकार किया।भीख में नहीं मिलती आजादी,जीवन … Read more

जिंदगी में…यह साल

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ यह साल,बहुत ख़ास रहाजिंदगी की कड़वी यादों में,मीठी बातों का भी स्वाद रहाl यह साल बहुत ख़ास रहा,किन भरम में जी रहे थेआज तक…?उनसे जब,आमना-सामना हुआक्या कहूं…!जिंदगी में,इस साल,तुज़र्बों का एक काफ़िला-सा रहाlयह साल बहुत ख़ास रहा… कुछ के चेहरे से नकली नकाब उतरे,कुछ को छोड़कर,हर चेहरा दागदार रहाकुदरत ने हर … Read more

रोते-रोते हँसा

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ उस दिन…मैं रोते-रोते हँसाजिंदगी के उस दौर में,…जब…हकीकतों का सामना हुआ।खुद से,लड़ते-लड़ते जबखुद का सामना हुआ। उस दिन…आईने में,खुद को देख करमैं रोते-रोते हँसाl क्यों…?डर को निकाल नहीं पाते,हार जाओगे,यह सोच कर।क्यों…?जीत की बाजी नहीं लगातेl उठो…!!अब जवाब देना है,तमाम सवालों का हिसाब देना है।उन जवाबों की तलाश में,उस दिन मैं … Read more

उदासी से…परे

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ चाहे,जिंदगी उदास हो…उदासी भरा दिन,उदासी भरी एक लंबी रात हो…वही जिंदगी की,चक्की पर चलतीदिन और रात के कामों की,हर दिन की तरह वही लिस्ट हो। चाहे,जिंदगी उदास हो…गलियों से गाँव…गाँव से शहर…फिर चाहे!शहर से जंगल तक उदास हो…एक धुंध में पसरी हुई,जिंदगी की हर आस उदास हो। सुनना खामोशियों के शोर,और … Read more

वो पालता है पेट सबके

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ हाथ की लकीरों से लड़ जाता है,जब बंजर धरती पे,अपनी मेहनत के हल से,लकीरें खींच जाता है।कभी स्थितियों से-कभी परिस्थितियों से,दो-दो हाथ कर जाता हैवो पालता है,पेट सबके,खुद आधा पेट भर केमुनाफाखोरी के आगे,हाथ-पैर जोड़ता रह जाता है।जो जीवन को जीवन देता है,सबको अपनी मेहनत से ऊँचाईयां देता हैउसकी महानता को,अगर … Read more

मत

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ वही चेहरे हैं,वही लोग हैंसब क्या ? सिद्ध कर जाते हैं,हर बार या कहूँ बार-बारक्यूँ…?‘मत’ घर-घर जा के मांगते हैं। क्या इनको अपने ही,काम पर नहीं भरोसायह लोगों को,क्या कर के जता रहे हैंसमझ से परे है कि,यह सब कर,घर-घर जा के यह कौन-सा विश्वास जगा रहे हैं,क्यूँ…?‘मत’ घर-घर जा के … Read more

तुम शरद चंद्र की पूर्णिमा

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ शरद पूर्णिमा स्पर्धा विशेष….. तुम शरद चंद्र की पूर्णिमा,मैं धरा का…एक दीयाl मेरे जहन की रोशनी में,प्रेम-सा नित झिलमिला।तुम शरद चंद्र की पूर्णिमा… तुम हो ख्वाब जन्नत का,मैं मरघट में…बसा। मेरे विचारों को क्षितिज दे,मुझमें…समा। तुम हो आफताब का नूर,मैं धरा की निर्जीव धूल।तुम शरद चंद्र की पूर्णिमा… तुम प्रेम की … Read more

पल-पल नीचे से ऊपर

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ पल-पल नीचे से ऊपर आया हूँ,वक़्त ने समझाया बहुत कुछऔर नई सोच को,पहले से बेहतर और ऊपर पाता हूँl बहुत डरता था,खुद से पल-पल लड़ता थाlकोई लड़ेगा नहीं आपकी लड़ाई,अपने डर से खुद लड़ना होगाlयह मैं तब नहीं समझ पाया था,मैं डरा…फिर लड़ाl आज खुद को डर से ऊपर पाता हूँ,मैं … Read more