थोड़ा-सा जी लेते हैं

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** आओ,थोड़ा जी लेते हैं,जीवन तो बस…विष का प्याला है,अमृत कर के पी लेते हैं। मौत तो आनी है,एक दिनउससे पहले,आओ थोड़ा जी लेते हैं। कितना खुद…

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बाल श्रम…शर्म

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** 'बाल श्रम दिवस' १२ जून विशेष मेहनत कर करता गुजाराजीवन का कर्म एक सहारा।किस्मत ने किया जिसे वरण,बाल-श्रम की व्यथा मर्म-मर्म। हर कोई है दुत्कार जाता,कोई…

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इस घड़ी ने कीमत बता दी

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** इस घड़ी ने घड़े की,कीमत बता दी। जो लोग…मिट्टी से टूट चुके थे,मिट्टी नेआज अपनी,उनको अहमियत बता दी।इस घड़ी ने,घड़े की कीमत बता दी। युगों-युगों से…

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होम्योपैथी:प्रयोग नहीं,विज्ञान

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** `विश्व होम्योपैथी दिवस’ प्रत्येक वर्ष १० अप्रैल को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। होम्योपैथी के आविष्कारक डॉ. हैनीमैन की जयंती `विश्व होम्योपैथी दिवस`…

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जब तक संतुलित साथ रहेगा…

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति और मानव का, जब तक संतुलित साथ रहेगा। जीवन की धारा का, निरन्तर तभी तक विस्तार रहेगा। कद्र…

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समर्पित जीवन की रवानी ‘नारी’

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** अपने-आप में, एक सम्पूर्ण कहानी इसी का नाम है नारी। जीवन की संवेदना, मर्म की मूक निशानी। भाव-मय, ममता-मूरत। समर्पित जीवन की रवानी, इसी…

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कौन…!

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** अनगिनत लहरें आती हैं, बहा के मुझे अनंत में ले जाती है। यह कौन...? उस शून्य से पुकारता है...मुझे, यह कौन...............? उस राह से…

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कौन-सा रंग!

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** कान्हा... तुम्हें कौन-सा रंग लगाऊं! सूरज की, लाली को हाथों में भर, गालों को भर जाऊं। कान्हा, तुम्हें कौन-सा रंग लगाऊं!! या फिर काले-काले…

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झुकने न दिया सिर

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** चंद्रशेखर आजाद शहीद दिवस स्पर्धा विशेष……….. अपना नाम... आजाद, पिता का नाम... स्वतंत्रता बतलाता था। जेल को, अपना घर कहता था भारत माँ की,…

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महर्षि दयानंद सरस्वती…मूल से महर्षि तक

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** `मूल शंकर`...वह बालक, जीवन के मूल मंत्र जब जान गया। महर्षि बनकर, संपूर्ण, मानव जाति को तार गयाll जीवन के, मूल मंत्र जब जान…

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