चैत्र प्रभात
बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बुलकड़ियाँ, रिक्त गौशाला द्वार सूखा गोबर। चैत्र प्रभात, विधवा का श्रृंगार दूर्वा टोकरी। फाग पूर्णिमा, डंडे पर जौ बाली बालक दौड़ा। होली दहन, चूल्हे पे हँसती माँ गेहूँ बालियाँ। मदिरालय, कुतिया को पकोड़े नाली में वृद्ध। औषधालय, चारपाई पे वृद्ध नीम निम्बोली। कैर साँगरी, बाजरे की रोटियाँ हाथ खरोंच। चंग का … Read more