पर्व है यह पुरूषार्थ का

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** पर्व है पुरुषार्थ का, दीप के दिव्यार्थ का। देहरी पर दीप एक जलता रहे, अंधकार से युद्ध यह चलता रहे। हारेगी हर बार अंधियारे…

0 Comments