जिन्दगी पल रही
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** चल रहे वक्त के साथ धरती गगन,सृष्टि की बन धुरी जिन्दगी पल रही।चाल कायम रहे कुदरती देन की,कह सकें सब यहाँ जिन्दगी चल रही॥चल रहे… वक्त,धरती,गगन,कुदरती देन हैं,लोग समझें न पर बस इसी बात को।सबकी अपनी खुशी,सुख सभी का मगर,सृष्टि के बिन यहां कैसे हालात हों।थम गई चाल जो … Read more