कठिनाई

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* कठिनाई के बाद भी,जो रण लेते जीत।सर्व खुशी उनको मिले,सबके बनते मीत॥ आती-जाती मुश्किलें,करे तुम्हें तैयार।घबराना मत तू कभी,जीत मिले या हार॥ कठिन परिश्रम कर चलें,आए जीवन काम।ध्येय लक्ष्यता को धरें,संचित कर्म तमाम॥ कठिन परीक्षा की घड़ी,देखो आई आज।लड़ने को तैयार हूँ,मुझे स्वयं पर नाज॥ जो करता है सामना,कठिन समय के … Read more

आशा की बगिया

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)**************************************** घर-घर देखो ये कैसी है बीमारी,हर तरफ मची है देखो महामारी। साँसों में हो रही रुकावट भारी,आक्सीजन की हो रही मारामारी। दवाओं की हो रही है कालाबाजारी,बुखार-खांसी हर घर में है जारी। कैसा ये विषाणु है आया,पूरा विश्व हलकान हो आया। दोहन किया धरा का हमने,जल जमीन जंगल का शोषण किया हमने। हवा … Read more

प्रीत के रंग

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)**************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… फागुन आया बैठे सतरंगी डोली,रंगों की थाल लिए आई होली। तितलियाँ झूमें,भ्रमर करे गुंजन,बाजे ढोल नगाड़े,हर्षित हैं जन-जन। आम्र मंजरी झूमें,कुहके कोयल डाली-डाली,वासन्ती पवन हुई,मदमस्त मतवाली। पपीहा टेर लगाए,विहंग गाते छंद,उपवन में पुष्पित पुष्प बिखराए सुगन्ध। रंग बरसे,उमंग बरसे चहुँ ओर,हर्षित मन नाचे जैसे हो मोर। खुशियों … Read more

विनय कर भाग्य जगाओ

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* करूँ ईश गुणगान,विनय कर साँझ सवेरे।कृपा करो श्रीनाथ,द्वार हैं आए तेरे॥करते भक्त पुकार,हृदय में आस जगाएँ।करें कामना पूर्ण,सभी शुभ फल को पाएँ॥ विनय भाव मन धार,कृत्य अनुपम ही करना।राग द्वेष को छोड़,नीर सम निर्मल बहना॥दुनिया माया जाल,मोह में कभी न पड़ना।इसका रूप विशाल,बचे तुम जग में रहना॥ आज करें अरदास,देश की … Read more

विनय कर भाग्य जगाओ

मनोरमा चन्द्रारायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* करूँ ईश गुणगान,विनय कर साँझ-सवेरे।कृपा करो श्रीनाथ,द्वार हैं आए तेरे॥करते भक्त पुकार,हृदय में आस जगाएँ।करें कामना पूर्ण,सभी शुभ फल को पाएँ॥ विनय भाव मन धार,कृत्य अनुपम ही करना।राग-द्वेष को छोड़,नीर सम निर्मल बहना॥दुनिया माया जाल,मोह में कभी न पड़ना।इसका रूप विशाल,बचे तुम जग में रहना॥ आज करें अरदास,देश की गाथा गाएँ।मंदिर जाकर रोज,देव … Read more

बसन्त सुखदाई

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)**************************************** धरा ने धानी चुनर है लहराई,देख पवन भी है मुस्कुराई। टेसू पलाश खिलने लगे,पीत सरसों गले मिलने लगे। अमराई में कोयल गाये,आम्र मंजरियाँ मन को भाए। छेड़े तान पपीहा हरजाई,ऋतु बसन्त मन को हरषाई। फूल-फूल पर भम्रर मंडराए,प्रीत डोर लिए चली पुरवाई। मौसम ने ली है अंगड़ाई,आया बसन्त देखो सुखदाई॥ परिचय-डॉ.शैल चन्द्रा का … Read more

नसीब

मनोरमा चन्द्रारायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* सुख-दु:ख मिले नसीब से,होना नहीं उदास।दृढ़ निश्चय से कर्म कर,मानव जीवन खास॥ किस्मत खेले खेल अति,हुआ बहुत नुकसान।फसलों में ओले पड़े,छीने मुख मुस्कान॥ भाग्य उदय कर लें चलो ,हो जाए कल्याण।सुख समृद्धि सुंदर मिले,मिले जगत में त्राण॥ अपने पैरों पर खड़े,होकर बदल नसीब।प्रगति प्रखरता सब मिले,देंगे मान करीब॥ किस्मत जिनका साथ दे,वही बने … Read more

मजबूत है गणतंत्र

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)**************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. ‘जनता का,जनता द्वारा,जनता के लिए है शासन’यही है हमारा कड़ा अनुशासन। यह है हमारा लोकतंत्र,हमारा मजबूत है गणतंत्र। संविधान लागू हुआ था २६ जनवरी उन्नीसवीं सौ पचास,हमारे संविधान ने नहीं किया किसी को निराश। अपराधी इससे कांपते हैं,बदमाश अपना रास्ता नापते हैं। देश के वीरों का है यह बलिदान,स्वतंत्र … Read more

ठिठुरती सुबह

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)**************************************** दिसम्बर का आखिरी सप्ताह था। कड़ाके की ठंड पड़ रही थी।शीत लहर के प्रकोप से पूरे शहरवासी कांप रहे थे,फिर भी कहीं क्रिसमस तो,कहीं नए वर्ष का उत्साह लोगों में छाया था। कोई पिकनिक में जाने की तैयारी में था तो कोई क्रिसमस का महँगा केक आर्डर दे रहा था। युवा वर्ग न्यू … Read more

बस कभी-कभी ही

मौसमी चंद्रापटना(बिहार) ****************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से….. शीर्षक-/टैग-काव्य संग्रह हम और तुम से/कविता /सब ओल्ड/रचनाशिल्पी नाम-मौसमी चन्द्रा,बिहार Moshmi.chandra11@gmail.comoooकभी-कभी तुम मुझेयाद आ जाते हो,हाँ,कभी कभी ही…सुबह की पहली किरण,जब पड़ती है चेहरे पर…महसूस होता है मानोतुमने चूमा है माथे पर…।भरी दुपहर जब जाती हूँ छत पर,तो मेरे सर पर सतरंगी छतरी ताने…आ जाते हो … Read more