मेरी कविता गीता बन जाएगी
डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* मेरे नयनों का कोना आषाढ बनेगा, मेरा हर आँसू भीषण बाढ़ बनेगा उस दिन शोषण का मलबा बह जाएगा, आह से अन्याय आवरण दह जाएगा। रोया नहीं मैं अब तक कितनी घातों में, सोया नहीं मैं अब तक कितनी रातों में करुणा तप्त जल तड़पती एक मीन हूँ, अंतरवेदना … Read more