पराक्रम
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** खड़े हैं सीमांत में,इस देश हित के कारने। शत्रुओं का दमन कर,आतंकियों को साधने। देश है मेरा खड़ा,हूँ दुश्मनों को मारने। गया हूँ इस समर में,या प्राण इस पर त्यागने॥ सौभाग्य मुझको धरा की,जो मातृभूमि है मेरी। दुश्मनों को मार कर,ही थमेगी गोली भरी। उठाएगा आँख जो,इस देश के भूभाग … Read more
 
					