पराक्रम

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** खड़े हैं सीमांत में,इस देश हित के कारने। शत्रुओं का दमन कर,आतंकियों को साधने। देश है मेरा खड़ा,हूँ दुश्मनों को मारने। गया हूँ इस समर में,या प्राण इस पर त्यागने॥ सौभाग्य मुझको धरा की,जो मातृभूमि है मेरी। दुश्मनों को मार कर,ही थमेगी गोली भरी। उठाएगा आँख जो,इस देश के भूभाग … Read more

हे माँ,मुझको ऐसा वर दो

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** हे माँ मुझको ऐसा वर दो। मैं व्याकुल हूँ संताप हरो। स्वीकार करो अम्बे मुझको। आया चरणों में मातु सुनो॥ ले लो सुध माँ मैं आहत हूँ। पीरा हर दो मैं शंकित हूँ। नौका जलधारा में उलझे। कैसे भव से नौका सुलझे॥ माता अब आओ आस करुं। तेरे बिन कैसे … Read more

मुमकिन

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** वक्त के साथ ही चलते रहना। कदम-कदम कर बढ़ते रहना। लक्ष्य अगर पाना है मुमकिन- तो जज्बा से बढ़ते रहनाll हिम्मत रख कर बढ़ने वाले। चट्टानों पर चढ़ने वाले। कभी न पथ से हटते हैं वह- मुमकिन राह बनाने वालेll श्रम से पीछे हटो कभी ना। कर्म विमुख तुम कभी … Read more

मानसून

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** मानसून की आस में,कृषक का यह विश्वास। बरसेगा जल अब यहां,बुझे सभी की प्यासll धरती सूखी ग्रीष्म में,तड़प रहे बिन नीर। मेघराज पर दृष्टि है,मोर,पपीहा,कीरll चातक का प्रण हिल रहा,टूट रहा है धीर। इंद्रदेव से विनय कर,दे दो थोड़ा नीरll खेत और खलिहान सब,पनघट धारे रीत। बरसो बादल अब दया,कर … Read more

आशा है बरसात जरूर आएगी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** बरसात का मौसम तो आया पर, बारिश की फुहार शुरू नहीं हुई अभी। रोज बादल आते हैं, गरजते हैं और कहीं ना कहीं बरसते भी हैं। पर हफ्ते-दस दिन में, एक बौछार से थोड़ी राहत मिल ही जाती है। लगता है इस बार जरूर होगी, यही आशा लगी है कि … Read more

दीर्घायु

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** नित्य समय से सोइये,जागें ऊषाकाल। यत्र-तत्र विहार करें,उठकर प्रातः कालll मंजन कुल्ला शौच कर,करें रोज नित स्नान। योग करें व्यायाम नित,पायें नित सम्मानll मात-पिता गुरु नमन करि,सरस्वती का ध्यान। इष्टदेव को नमन करि,धरें सभी का मानll बच्चे शिक्षा पर धरें,सबसे ज्यादा ध्यान। काम समय से पूर्ण कर,सदा उठाएं मानll रहो … Read more

पुष्प

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** हे पुष्प! सौंदर्य तुम्हारा है अतुलित। सुंदरता के संग सुगंध है मधुरितll पंखुड़ियों के रंग बहुत सुंदर होते। लाल गुलाबी श्वेत वर्ण के दल होतेll काँटों से मिलकर सौंदर्य बिखेर रहे। मित्र भाव से पौधे को सहेज रहेll काँटों में ले जन्म और पालन कंटक। फिर खिलकर सौंदर्य-गंध फैलाये जगll … Read more

शरणार्थी तो अतिथि

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. शरणागत जो ईश्वर का भी प्रिय होता है। शरण में आने वाला यदि सुजन होता है। त्याग,समर्पण,प्रेमभाव निहित होता है। जीवन का आदर्श सत्य दर्शित होता है॥ शरणार्थी तो अतिथि देवता माना जाता। भारतीय संस्कृति में भगवन समझा जाता। यह तो हिंदू देव प्रथा थी देव … Read more

तपती धरती

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** तपती धरती आज,सभी से कहती देखो। जल की प्यासी आज,तड़पती हूँ मैं देखोll जंगल-जंगल आग,धधकती चौतरफा है। धुआं आग के ताप,से प्राणी हांफ रहा हैll जल बिन धरती सूख,तड़पते सारे प्राणी। वृक्ष,वनस्पति,फूल,सिसकते पानी-पानीll अंबर ज्वाला बरस,धधकती ज्वाला धरती। नीर बिना भू तरस-तरस कर आज चटकतीll माटी का कण आज,कोसता है … Read more

सूरत

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** सूरत में भावों का दर्शन होता है, छिपे हुए उदगार प्रदर्शन होता है। कितना ही मन अपने भाव छिपाता है, पर सूरत पर तो सत्य प्रदर्शन होता है। हर्ष,शोक,दु:ख,चिंता जिससे पीड़ित हों, सूरत पर हर भाव का दर्शन होता है। पर कुछ ऐसे कर्म छुपे भी होते हैं, सूरत पर … Read more