अब और नहीं…

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** अब और नहीं अब और नहीं, ये देश नहीं सह पायेगा। हो दुष्टों काे फाँसी सरेआम जनमानस ये लटकायेगा। अब और निर्भया काण्ड नहीं, बेटियों को अब इंसाफ़ मिले। जनमानस को सौंपें इनको,हो सज़ा न इनको माफ मिले। गद्दार दरिंदों को फाँसी, झट दो परचम लहराएगा। जब सजा मिलेगी ऐसी … Read more

कहां है मुंसिफ…

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** वो बेग़ुनाह कहे खुदा तमाम कहां। कहां है मुंसिफ यार तामझाम कहां। फ़क़त इरादों में बसा रखा था जो, हमी हैं साहिब वो मगर ग़ुलाम कहां। उधार मांगी थी ज़रा-सी साँसें बस, किया ज़िबाह मगर खुदा-ए-आम कहां। सहर हुई औ रोज़ शाम शाम हुई, जो पुरखुलूस कराए दीद शाम कहां … Read more

जुबां को तलवार कर दिया…

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** पहले तो खुद के इश्क में बीमार कर दिया। अपनी जुबां को बाद में तलवार कर दिया। ऐसी लगाई लत कि तलबगार हो गये, फिर बोल कड़वे दिल को छार-छार कर दिया। ये दोस्ती भी रब की इनायत समझ लें हम, करते हैं छल-फ़रेब अब व्यापार कर दिया। मानिन्द अपने … Read more

जिंदगी

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२×४-फाउलुन×४) ज़िन्दगी आजमाती है इंसान को। वो परखती है इंसाँ के ईमान को। ज़िन्दगी हादसा खूबसूरत कहें, ज़िल्लतें बस दिखें यार नादान को। आम औ ख़ास दुनिया में सब लुट रहे, लूटने कुछ चले आज भगवान को। आसमाँ से बड़े भी मुख़ातिब हुए, जो ख़ुदा कह रहे आज धनवान … Read more

दिल हमारा खो गया

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२२×३-२१२-फाइलातुन×३-फाउलुन)  हुस्न उनका चाँद से ज्यादा नशेमन हो गया। दिल हमारा याद में उनके उन्हीं पे खो गया। जब नज़र उन पे गई तोआशिकाना दिल हुआ, इश्क में डूबे सनम फिर होश मेरा तो गया। शर्बती आँखें कहें या फिर नशीली ही कहें, देख उनका जादुई लहजा असर तन … Read more

दिल मिलाना चाहिए

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२२×३-२१२-फाइलातुन×३-फाउलुन) सिलसिला यारी निभाने का चलाना चाहिए। टूटने वाले दिलों को भी मिलाना चाहिए। क्यों हुए तन्हा जमाने में कई हैं शख़्स जो, उन ख़ताओं का पता हमको लगाना चाहिए। ज़िन्दगी शिकवा-ग़िला में कीजिए जाया नहीं, फ़र्ज जो इंसानियत का वो निभाना चाहिए। हम यतीमों के मसीहा भी बनें … Read more