हमारे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ राष्ट्रीय समस्या

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’भोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************************************** भारत एक सार्वभौम संवैधानिक लोकतंत्र है और भारतीय लोकतंत्र के तीन संवैधानिक स्तम्भ हैं,यथा-विधायिका,कार्यपालिका एवं न्याय पालिका,जिनके संगठन,कार्य,कार्यपद्धति संविधान में निहित है| ,प्रबुद्ध भारत एवं उद्बोध,इंडियन ओपीनियन(महात्मा गाँधी)सहित वंदे मातरम आदि उस समय के मुखर पत्र-पत्रिका थे,जिनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को ना कोई नकार सकता है,न भूल सकता हैl … Read more

गाँव से

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’भोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************************************** निष्ठुरपुर गाँव में चार-पांच दिन से माहौल बहुत गर्म था। पंचायत भवन में गर्मी कुछ ज्यादा थी,यह आस-पास के चार-पांच गाँव की संयुक्त पंचायत थी। बार-बार सरपंच पर पंचायत बुलाने का दबाव था। अंततः उन्होंने आज पंचायत बुला ही ली,मुद्दा था-महानगर से विस्थापितों का आगमन।पंचायत का निर्धारित समय आया तो … Read more

दीपक एक जलाया था…

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’ भोपाल(मध्यप्रदेश) *********************************************************************************** कल मैंने दीवट पर दीपक एक जलाया था, हरदिन प्रभु उसमें तेरा ही रूप समाया था तेरी मोहनी मूरत के ही देखे थे रूप सभी- राम,रहीम,वाहेगुरु कभी यीशु उसमें पाया था। आज की शाम ढले जब दर दर घर-घर दीप जले, अपने घर भी मैंने दीवट पर दीप … Read more

केंचुआ

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’ भोपाल(मध्यप्रदेश) *********************************************************************************** प्रभु कृपा,केंचुए उभय लिंगी होते हैं- एक शरीर में होता है नर और होती है नारी। काश इंसान बस केंचुआ ही होता- सबकी बराबर की होती बारी। सबको बराबर प्रणयानंद होता- सबकी आती प्रसव पीड़ा की बारी। फिर कोई टेढ़े-मेढ़े चर्चे ना होते- हर इंसान होता सिर्फ सदाचारी। … Read more