मुझे भी जीने का हक
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* युगों-युगों से तुम कहते, देवी मान कभी हो पूजते माता सखी बहन प्रेयसी, कितने रुपों में मैं जीती। गर्भ में तुम्हें धारण कर, सौ-सौ मन्नतें मैं माँ करती तुम्हारी तुतलाती सुन बातें, हँसती औ बलैया मैं लेती। बहना हूँ भैया उम्र बढा़ती, देख मेरे अल्हड़ भावों पर और … Read more