बनना है तो दीपक बन

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** अरे मनुज! बनना है तो दीपक बन,प्रकाशित कर दे लोगों के बुझे मनसर्व दिशाओं में अवतरित उजियारा,जगमग कर दो तुम सभी का जीवन। त्याग-तपस्या की जले…

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दिलों की होली

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… हाथ भर रखे रंगों से,गालों पर कैसे मलें,देख कर एक-दूजे को,पड़ रहे चेहरे पीलेअजनबी बन कर बैठे हो,जब सभी से…

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मंज़र पर्दे की ओट का

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** यूँ होता,यूँ ना होता,सोच-सोच कर क्या फायदा राज़ जब यह मुहब्बत में,दिल की चोट का है, मेरा दिल तो मुस्कराया है,सदा बच्चे की मानिंद कसूर…

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