मौत जिंदगी से मरती है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* शायद यह सही कहा है,किसी गरीब के दिल ने यंहा मौत मंहगी है और जिंदगी सस्ती होती है, गगनचुंबी आलीशान,अट्टालिकायें खड़ी है जहां उनके पीछे गरीबों और अभागों की एक बस्ती है। ना तो अपनी खुशी से खुश हैं,यहां ये पैसे वाले ना ही गरीबी से दु:खी हैं यहां,ये किस्मत … Read more

…यादें और केवल यादें

डॉ.एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’  मुम्बई (महाराष्ट्र) ********************************************************** होलिका दहन का वह दिन,मैं घर पर ही था। चिकित्सक तो पहले ही जवाब दे चुके थे। बात केवल इतनी बची थी कि कितने दिन और..। चिर-निद्रा में जाने से पहले ही कामिनी की नींद लगातार बढ़ती जा रही थी। वह ज्यादा से ज्यादा समय सो रही थी। पल-पल उसकी … Read more

क्यों होली बे-रंग

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* होली के नहीं रहे हैं,वह पहले जेसै रंग, हर बार हो रही है यह होली क्यों बेरंग। कुछ स्ट्राइक हुई,पर अभी कई आतंकी, मनाते हैं खूनी होली,मचाते हैं आत॔क। राजनीति के नातों ने भी बदली है कहानी, बुआ होलिका हो ली अब पहलाद के संग। जीएसटी,नोटबंदी खूब हुए हैं ये … Read more

शुभ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ

हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी राजेश गुप्ता ‘बादल’ जी  का १९ मार्च को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..  

होली में उड़े गुलाल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* उड़े गुलाल रंग हुआ लाल, होली का सुखद त्योहार पीली सरसों नारंगी पलाश, भूले मलाल भूले मलाल आज है ख़ुशी विशाल, उड़े गुलाल रंग हुआ लालl मदमस्त हुआ है आलम, सजनी बहके संग बालम चितचोर हुए हैं सांवरे, पहनावे गलबहियन हार उड़े गुलाल रंग हुआ लालl चितवन में … Read more

कवि होना इतना आसान नहीं

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* आदमी का कवि होना इतना आसान नहीं होता कभी नहीं होती जमीं,कभी आसमां नहीं होता, ठहाके लगते हैं तुम्हारे,उसकी कही बातों पर लिखने में वह कितने आँसू बहा चुका होता है। लगा जाते हैं जो शब्द तुम्हारे जख़मों पर मरहम भरते हैं खुशियां और मिटाते हैं तुम्हारे सारे गम, उड़ान … Read more

अस्तित्व नारी का

आदेश कुमार गुप्ता `पंकज`  रेणुसागर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************** महिलाओं का भूल कर करिए नहि अपमान। महिलाओं से होत है हम सबका उत्थान॥ महिला माता रूप में करती है उद्धार। रात-रात वो जाग के करती हमको प्यार॥ नारी है अभिमान जगत में मान दिलाती। नारी है उत्थान हमें पहचान दिलाती॥ नारी घर की शान सभी पर प्यार लुटाती। … Read more

जब ज़मीर शरमाया मेरा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* कोई दो कदम तो साथ रहे मेरे भी, इस उम्मीद में खोजता रहा वह चेहरा। संग चलने को मेरे जो तैयार हुआ, वह फकत साथ था साया ही मेरा। रात को दस्तक दी,सपने में जिसने, दिन में वही शख्स था भुलाया मेरा। छोड़ के दामन मेरा,दूर हुआ मुझसे, वह था … Read more

नारी तुम चलती रहो

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… तुम कब हारी हो जग में स्त्री अबला हो तुम क्यों कहलाती, बार-बार जनम हो लेती हो जीवन को गले लगातीl अनेक रूपों में बसती तुम माता बन हो मुस्काती, रिश्तों की गरिमा समझ तुम त्याग देवी बन जातीl कैसे करती हो बोलो … Read more

मैं स्त्री

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… फूल नहीं तेरे जीवन का उपवन हूँ, निहार मुझे,तेरी बगिया की तितली भी मैं मैना भी मैं ही हूँ, चिरैया अपने बाबुल की मैं जरूर हूँ। चहक-चहक बेटी का फर्ज निभाया है, बहन बन रिश्तों को महकाया है बांध लाये तुम सप्त पदी में मुझे, … Read more