क्या होगा दुनिया छोड़कर

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** साक़ी अगर उदास हुआ,मयकश को आता देखकर, ख्याल-ए-जन्नत ख्वाब है,क्या होगा दुनिया छोड़कर। उनकी मुस्कराहट में छुपे राज का,कैसे पता चले, रोने का फरेब कर…

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माँ तुम बहुत याद आती हो

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… देखता हूँ जब भोली,गैया-मैया, भरी ममता से,बछड़े को पुचकारती माँ तुम बहुत याद आती हो, अपनी बाँहों में,मुझको दुलारती। एक नन्हीं…

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माता तुम अनुपम

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… प्रकृति का अनुपम उपहार, मातृत्व से भरी कोमल नारl जननी ममतामयी अमृत रसी, कोमलांगी माता शक्ति सारl नित्य कष्ट…

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क्या हश्र हुआ !

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* उनका प्यार पाने की मेरी कोशिशों का कुछ ना हुआ, मेरी मौत पर कहा-लग ही गयी,आखिर बददुआ। मुझे भी करना ही पड़ा,फिर शुक्रिया अदा उनका,…

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ये पागल कौन मुआ है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* जो भी जी चाहे वो मिल जाये,ऐसा भी कहीं हुआ है हवा भी हवा हो जाती है,जिसने तो सबको छुआ हैl राख हो जाती है…

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हमारी धरणी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… करोड़ों वर्षों पूर्व ब्रह्मांड उत्पन्न, गौरवशाली पल हमारी धरणी। सृष्टि का सुंदरतम् निर्माण, अदभुत हमारी है ये धरणी।…

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चलो धरा बचाएं

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… आम का पेड़ आज बहुत उदास लग रहा है, ना डाली झूम रही है ना पत्ता ही हिल रहा है।…

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प्रतिपदा नव वर्ष

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हे मातु भवानी हे जगकल्याणी, महर तुम्हारी माँ आँचल भर दे। हे जन्मदात्री हे सुखदायिनी, तू मेरी माते अब मंगल कर दे। विद्या…

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नयी उम्मींदे-नया आसमां

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* महफ़िलों का दौर चलता रहे, नयी उम्मीद संग नया आसमांl ऋतुएँ सिखाती बनना नया, नये पुष्प सुगंध देते जो मिले पशु-पक्षी नव कलरव…

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क्यों मुझे तोड़ा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* किसी चाह में,अनजान राह में पड़ा रहा मैं बनकर पत्थर, कोई कदरदान,लेगा मुझे पहचान तराश देगा मुझको थोड़ा। पर सब पाषाण,बन गये महान जब उस…

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