बैरी के जो छक्के छुड़ाते

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ************************************************************ ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. राणा प्रताप राजा को याद करें आज सबजन, धन्य-धन्य हो वीर राणा की तलवार अटल। शौर्य राणा की गाथा जो सुने वो करे नमन, ऐसे अनोखे देशभूमि के लिए त्याग निर्मल। बैरी के जो छक्के छुड़ाते हृदय अनुपम लगन, चेतक जैसा अश्व … Read more

मजदूरों को गले लगा लो

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** मंजिलों पर बढ़ते कदम,जब लौटने लगते हैं मुड़ के, मेहनतकश हाथ याचना करने लगते हैं जब जुड़ के ऐ मुल्क के बाशिंदों ये समय आ गया है सोचने का, हमें झांक कर ही देखना होगा गिरेबान में खुद के। वृक्षों की शाखाओं पर बैठ,आनंदित हैं हम सभी, इनकी जड़ें मजदूर … Read more

जिस पथ पर मजदूर अनेक

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** सड़क हादसों में काल कवलित मजदूरों को श्रृद्धांजलि… ये भूख है,खौफ है,मजबूरी है या कोई इनकी हताशा ये ‘पुष्प के आँसू’ होते,या होती ‘पुष्प की अभिलाषा’, आज चाहिए फिर एक माखनलाल जो सके यह देख जिन पथों पर निकल पड़े हैं मरने को मजदूर अनेक। पल-पल घर पहुँचने का सपना … Read more

भूख

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* माँ चूल्हे पर खदकाती, पानी की भाप उडा़ती संतान की भूख मिटाने को, आँसू अपने छिपाती। अन्न का दाना नहीं, और बेकारी फैली ऐसी कहर लगता फैला जहर, महामारी की है भीषण मार। सहता जूझता लड़ता मानव, दर्द भीतर शक्ति है जोड़ता देख विकल मजदूर समाज, कार्य नहीं … Read more

भारी मेरा नहला

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** अचानक ये दुनिया काँपी एक कोलाहल-सा ऐसा मचा मानो आ गया हो जैसे यहाँ,कोई भयानक जलजला। मैं तो मस्त,बस निहार रहा था खुले आसमान के नजारे, कब पैरों तले ये जमीन खिसक गयी,पता ही नहीं चला। मुझे सलामत देख के,फर्श पे औंधे पड़े मुस्करा के बोले इसे,पर्दाफाश-जिदंगी के राज का,मालूम … Read more

खुशी में गा लूं

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** जी करता है अपने दिल की बात कह ही डालूं, सीने में है एक जलजला,कहीं तो इसे निकालूं… साथ देता रहा लोगों की कई गलत बातों में भी, छोड़ के अब सभी वो बातें,मैं भी गंगा नहा लूं। मेरे दोस्त,क्यों सहमे हैं,मेरे इस फैसले से, रोते हुए इन दुश्मनों को … Read more

संभले रिश्तों की सुगंध देखिए

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. समय ऐसा आया संसार देखिए, महामारी से ग्रसित हुआ इंसान ‘कोरोना’ नाम का फैला प्रकोप, भय करे बचाव ये धर्म देखिए। आदमी का आदमी से मिले रोग, डर पालिए दिल में सबके लिए बने सामाजिक संबंध और दूरी, अभी आवश्यक ये कर्म देखिए। … Read more

क्या कमाल है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** उनके जुबां पर रहता जो बातों का जाल है ये उनकी शखसियत,दिमाग का कमाल है, अब उनकी उलझनों से,मेरा क्या है वास्ता- मेरे जहन में तो उनके गेसूओं का जंजाल है। हर किसी में नहीं होती है यह काबिलियत होंठों के बीच रखकर,चला ले ये खंजर, शिकार को ना खौफ,शिकारी … Read more

जो खुद से ही डरा है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** मैंने अपने दर्द का इलाज खुद ही करा है अपना एक प्याला,अपने हाथ से भरा है, मुझे मालूम है,मेरे इस दर्द की हकीकत- जख्म है जो जिगर पर,मुद्दत से हरा है। मयखाने में गया था देखने हाल साकी का, वो भी नशे में खुद ही,बेसुध-सा पड़ा है, मुझे कहता था … Read more

प्रभुजी,किनारा कीजे

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* विपदा घडी़ है जीवन का ह्रास, आशीष मिले हो जीवन भरपूर हाथ जोडे़ सदा कृपा ही कीजे, प्रभुजी कोविद महामारी का किनारा कीजे। स्नेह दया सेवा कर्म जनमन दीजे, अधर पे उदासीआँखों में पीडा़ शांति कहाँ जन हर जन से डरे, प्रभु जी कोविद महामारी का किनारा कीजे। … Read more