कोई गुनाह थोड़े ही किया

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** अरे मैंने यह कोई,गुनाह थोड़े ही किया है घर के मंदिर का दीया देहरी पर रख दिया है, आरती करता रहा हूँ मैं,रोज अपने ही…

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जमाना फिर होगा उल्लास का

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** दरख्तों पर ठिकाना हो गया है,मानो पतझड़ का कयामत का ठहराव-सा कुछ पल की हरकतों का, ये शाखाएं सूख कर भी खड़ी हैं हाथों को…

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सतरंगी गुलाल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* उड़े गुलाल, रंग हुआ लाल... पीली सरसों, नारंगी पलाश... भूले मलाल, भूले मलाल... आज ख़ुशी विशाल, उड़े गुलाल... रंग हुआ लाल..। मदमस्त हुआ…

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अब यह होली कैसे खिले

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** हाथों में सम्भाले रंगों को,गालों पर कैसे मलें देख एक-दूजे को जब पड़ रहे हों ये चेहरे पीले, दुश्मन बन बैठै हों जब एक-दूसरे के…

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मानवता मुस्करा दी

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** माधव और नासीर दोनों एक-दूसरे के कंधे पर सिर टिकाए निढाल हैं। एक-दूसरे की आँखों से सारे आँसू पौंछ कर...। किसी एक पार्टी के लोगों…

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खुशियों के रंग

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* खुशियों के रंग अनेक तितली-सी होती रंगीन, चुलबुली अभी रहती और फुर्र उड़ती चलीl ममता के हिंडोले में, चमकती खूब ये नयनों की…

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नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* चंद्रशेखर आजाद शहीद दिवस स्पर्धा विशेष........... शीशे का खिलौना समझा तुमने,वो फ़ौलादी सीना था, शूल बैनों से नहीं डरता जो अंगारों से खेला था। नित-नित…

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तेरे काबिल नहीं

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** बार-बार क्यों आ जाते हैं,तेरी महफ़िल में इल्म तो इतना है कि हम तेरे काबिल नहीं हैं, मुस्कराकर अदाओं से दिल बहलाओ तो भी- इन…

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जीत लिया जब तुमने

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* जीत लिया जब तुमने मन को, फिर तो कुछ भी बचा नहीं है। तू मेरा मैं तेरी रहूँगी साजन, तुम बिन तो अब कुछ भी…

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अहसान अब ये कर दे

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** बहुत पिलाया साकी तूने,तौबा अब बस कर दे, ये प्याला ही हो आखिरी,जहर से तू इसे भर दे। सुहानी घटाओं के रास्ते,मेरी मंजिल अब हैं…

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