बहन की चिट्ठी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** रक्षाबंधन विशेष...... भैया तुम सरहद पर रहकर तम दूर करो,मैं खुद की रक्षा का व्रत आज उठाउंगी। लगता है दुनिया में ईमान खो गया है,फूलों का…

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तिरंगा लहर रहा

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** ध्वजा में मौला और महेश,सजे हैं गुरुओं के उपदेश।हमारा प्यारा भारत देश,तिरंगा लहर रहा है॥ हिमालय है जिसका सरताज,सिंधु तक फैला जिसका राज।पुराना है सबसे इतिहास,आदि…

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उभरता भारत

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** वीर शिवाजी का भाला नीरज के हाथों आया है,स्वर्ण पदक इस खेल समर में शेर जीतकर लाया है। पचपन साल राज करके खेलों का सत्यानाश किया,अंग्रेजी…

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भूख सदा दुश्मन निर्भय की

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** भूख सदा दुश्मन निर्भय की,आग जगाये यही हृदय की। इसकी पड़ी जहां पर छाया,उसका रोम-रोम झुलसाया।कल तक अपनी जो प्यारी थी,फूलों की दिखती क्यारी थी।चिता बनी…

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बचाई तितलियाँ हमने

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सदा नफरत की लहरों पर उतारी कश्तियाँ हमने।ठिकाना जल गया बेशक बचाई बस्तियाँ हमने। जहाँ बेहाल जीना हो गया था सख्त कलियों का,जले थे हाथ बेशक…

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आई भ्रष्टाचारन

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* चाँदी की पायल छनन-छनन,सोने के कंगन खनन- खनन।आयी पहने भ्रष्टाचारन,आयी पहने भ्रष्टाचारन। छन-छन पायल झंकारों से,नैनों के कुटिल प्रहारों से,संसद में देखो नाच रही,बतियाती खादी यारों…

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किसान की पीड़ा

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* मिला खून माटी उगाता हूँ दाने,यही साधना मैं इसी का पुजारी,नहीं धूप देखूँ-नहीं छाँव देखूँ,पड़े पाँव छाले नहीं है सवारी। न बेटा पढ़ा है-न बेटी पढ़ी…

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अभी जागे नहीं तो…

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* पर्यावरण दिवस विशेष.... धरा पर पेड़ पौधों का सजा जो आवरण है।मिला नदियों से हमको स्वर्ग का वातावरण है। न डालो मैल नदियों में न काटो…

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…पर कल तो हमारा है

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* नहीं है आज सिर पे ताज,पर कल तो हमारा है।चलें देखें समंदर का कहां दूजा किनारा है। सजी मंदिर की मूरत बोल सकती है अगर चाहो,लगे…

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रखवाले,अब से नहीं जमाने से हैं

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* बागों के माली रखवाले,अब से नहीं जमाने से हैं।कलियों पर काँटों के ताले,अब से नहीं जमाने से हैं। मिली कहाँ पूरी आजादी,खंडित हिंदुस्तान मिला है,सरहद पर…

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