कर न सके दीदार…
हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** दिल से दिल के प्यार का,कर न सके दीदार। जी भर अपने यार का,कर न सके दीदार॥ मन में थी सूरत बसी,होंठों पर था नाम। प्यार भरे मनुहार का,कर न सके दीदार॥ जब तक थे हम साथ में,कर न सके तब बात। खुशियों के संसार का,कर न सके दीदार॥ मन … Read more